तेलंगाना: कोर्टरूम से बाहर निकले जज,बुजुर्गों की हालत देख खारिज किया बहू द्वारा लगाया दहेज का केस!

12:10 AM May 02, 2025 | The Mooknayak

निजामाबाद- एक दिल छू लेने वाली घटना में, बोधन की अतिरिक्त ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट (JFCM) कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने एक बुजुर्ग दंपति के प्रति संवेदना दिखाते हुए एक दहेज उत्पीड़न केस को खारिज कर दिया।

रुद्रूर मंडल के रायकुर गाँव के रहने वाले सय्यम्मा और गंगाराम अपनी बहू द्वारा दर्ज कराए गए दहेज केस की सुनवाई के लिए नियमित कोर्ट आ रहे थे। उम्र और कमजोरी के बावजूद, वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के लिए हर बार पेश होते थे।

सोमवार को जब वे कोर्ट पहुँचे, तो शारीरिक कमजोरी के कारण वे कोर्टरूम तक चलकर नहीं जा पाए। यह देखकर JFCM मजिस्ट्रेट ई. साई शिवा ने खुद कोर्टरूम से बाहर आकर उनकी हालत जानी और वहीं मौके पर केस की सुनवाई की।

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दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद, मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया कि बुजुर्ग दंपति निर्दोष हैं और केस को खारिज कर दिया। उनकी इस संवेदनशीलता को देखकर कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों ने भी जज की तारीफ की।

केस से मुक्त होकर बूढ़े दंपति भावुक हो गए और उन्होंने जज के इस इंसानियत भरे रवैये के लिए धन्यवाद दिया। कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों ने जज के इस संवेदनशील और मानवीय रवैये की सराहना की। बुजुर्ग दंपत्ति, जो इस अनपेक्षित सहानुभूति से भावुक हो गए थे, ने जज का हृदय से आभार जताया। सोशल मीडिया पर भी यह घटना खूब वायरल हुई और यूजर्स ने मजिस्ट्रेट की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'इंसानियत की मिसाल' बताया।