नई दिल्ली/लखनऊ - जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद सोशल मीडिया पर सरकार की जवाबदेही को लेकर सवाल उठाने वाली दो महिलाओं—भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर व व्यंग्यकार डॉ. मेडुसा (मद्री काकोटी)—के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने FIR दर्ज की है। नेहा के विरुद्ध शिकायत हजरतगंज थाने में और डॉ. मेडुसा के विरुद्ध मामला हसनगंज में दर्ज किया गया है।
दोनों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, 197, 353, 302, 152 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें देशद्रोह, सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने जैसे संगीन इल्ज़ाम शामिल हैं। इन कार्रवाइयों को कई लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और असहमति की आवाज़ को दबाने की कोशिश मान रहे हैं। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव सहित कई हस्तियों ने दोनों महिलाओं के समर्थन में आवाज़ उठाई है। जिस वीडियो पर नेहा सिंह राठौर पर एफआईआर हुई है। उसी वीडियो को अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय में फूल वॉल्यूम में चलवाया।
29 अप्रैल की पोस्ट में नेहा ने इस प्रकार की कारवाई पर सरकार को फिर घेरा. अपने पोस्ट में नेहा ने लिखा, " लड़ना आतंकवादियों से था…लेकिन लड़ बेटियों से रहे हैं. आतंकवादियों के सिर काटने की जगह देश की बेटियों पर FIR करवा रहे हैं. सारी बहादुरी बेटियों को परेशान और अपमानित करने में ही है क्या? जिन लोगों का घर के बाहर वश नहीं चलता वो घर के अंदर इसी तरह शेर बनते हैं।"
नेहा सिंह राठौर और डॉ. मेडुसा के खिलाफ दर्ज FIR ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सरकार की जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है। नेहा ने अपने एक पोस्ट में लिखा, "लोकतंत्र में एक-एक सवाल ज़रूरी होता है। अगर मेरे सवालों से इतनी दिक्कत है, तो सत्ता छोड़कर विपक्ष में आ जाइये।" यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है।
पूरी भाजपा के नेताओं के जितने बच्चे फ़ौज में होंगे…उससे ज़्यादा तो मेरे अपने परिवार के लोग सेना में अपनी जान दाँव पर लगा चुके हैं…
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) April 27, 2025
…लेकिन आज भाजपा का आईटी सेल मुझे देशद्रोही कह रहा है क्योंकि मैं बिना डरे सवाल पूछती हूँ.
प्रधानमंत्री से सवाल पूछना देशद्रोह है क्या?… pic.twitter.com/t6ImAbbZpX
नेहा सिंह राठौर का मामला: "सवाल पूछना देशद्रोह है क्या?"
नेहा सिंह राठौर, जो अपने भोजपुरी गीतों जैसे 'बिहार में का बा' (2020), 'यूपी में का बा' (2022) और 'एमपी में का बा' (2023) के लिए जानी जाती हैं, ने पहलगाम हमले के बाद अपने सोशल मीडिया हैंडल @nehafolksinger पर कई पोस्ट और वीडियो साझा किए। इनमें उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे सवाल उठाए। एक वीडियो में नेहा ने कहा, "पहलगाम हमले के जवाब में अब तक सरकार ने क्या किया है? मेरे ऊपर FIR? अरे दम है तो जाइये आतंकवादियों के सिर लेकर आइये!" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस हमले का इस्तेमाल बिहार विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करने के लिए कर सकती है, जैसा कि उनके अनुसार, 2019 के पुलवामा हमले के बाद हुआ था।
FIR 27 अप्रैल को लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई, जिसके आधार पर नेहा के खिलाफ BNS की धाराओं 196(1)(a), 196(1)(b), 197(1)(a), 197(1)(b), 197(1)(c), 197(1)(d), 353(1)(c), 353(2), 302, 152 और IT एक्ट की धारा 69A के तहत मामला दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता, कवि अभय प्रताप सिंह उर्फ अभय सिंह 'निर्भीक', ने दावा किया कि नेहा की पोस्ट राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं और धार्मिक आधार पर समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकती हैं। FIR में यह भी उल्लेख किया गया कि नेहा का एक वीडियो पाकिस्तान के एक पत्रकार समूह के X हैंडल द्वारा रीपोस्ट किया गया, जिसे "देशविरोधी" करार दिया गया।
नेहा ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "पूरी भाजपा के नेताओं के जितने बच्चे फ़ौज में होंगे, उससे ज़्यादा तो मेरे अपने परिवार के लोग सेना में अपनी जान दाँव पर लगा चुके हैं। लेकिन आज भाजपा का आईटी सेल मुझे देशद्रोही कह रहा है क्योंकि मैं बिना डरे सवाल पूछती हूँ।" उन्होंने यह भी बताया कि उनके बैंक खाते में केवल 519 रुपये हैं और उनके पास वकील की फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं। नेहा ने मदद की गुहार लगाते हुए लिखा, "क्या कोई वकील मेरी मदद कर सकता है? मेरे पास वकील की फीस देने के लिए पैसा नहीं है।"
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नेहा का समर्थन करते हुए कहा, "पहलगाम हमले पर हम मोदी सरकार के साथ हैं, लेकिन नेहा ने जो कहा होगा, अच्छा ही कहा होगा।" उन्होंने नेहा की आर्थिक मदद की अपील का जवाब देते हुए उनके लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।
जिस वीडियो पर नेहा सिंह राठौर पर एफआईआर हुई है। उसी वीडियो को अखिलेश यादव जी ने पार्टी कार्यालय में फूल वॉल्यूम में चलवाया pic.twitter.com/KLKRPFvfZB
— Pratik Patel (@PratikVoiceObc) April 28, 2025
डॉ. मेडुसा का मामला: "न्याय की मांग, बदले की नहीं"
लखनऊ विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर मद्री काकोटी, जो सोशल मीडिया पर डॉ. मेडुसा के नाम से अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं, के खिलाफ भी पहलगाम हमले पर उनकी पोस्ट को लेकर FIR दर्ज की गई है। यह FIR 28 अप्रैल को लखनऊ के हसनगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई। शिकायतकर्ता, ABVP के एक छात्र जतिन शुक्ला, जो विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नामांकित हैं, ने आरोप लगाया कि डॉ. मेडुसा की सोशल मीडिया पोस्ट राष्ट्रीय एकता और कानून-व्यवस्था के लिए हानिकारक थीं।
डॉ. मेडुसा ने अपने एक वायरल वीडियो में पहलगाम हमले के बाद देश में धार्मिक आधार पर बढ़ती विभाजनकारी भावनाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जिस तरह देश धर्म और अन्य आधारों पर बंटा हुआ है, उसमें दंगे भड़काने में एक सेकंड भी नहीं लगेगा।" उन्होंने कश्मीरियों की सुरक्षा की मांग करते हुए कहा, "हमें बदले की नहीं, न्याय की मांग करनी चाहिए।" इस वीडियो के पाकिस्तान में वायरल होने के बाद इसे "देशविरोधी" करार दिया गया। शिकायत में यह भी दावा किया गया कि उनकी एक पोस्ट में "सैफ्रन टेरर" का ज़िक्र था, जिसे आपत्तिजनक माना गया।
डॉ. मेडुसा के खिलाफ BNS की धाराओं 196(1)(a), 197(1), 353(2), 302, 152 और IT एक्ट की धारा 69A के तहत मामला दर्ज किया गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
FIRs against Dr. Medusa for asking questions shows how fragile power has become. If you do not speak now, when they come for you, no one will be left to speak for you! @ms_medusssa#ISupportDrMedusa pic.twitter.com/ooXU5S1GOQ
— Mannu (@meharaazzz) April 28, 2025
नेहा और मेडुसा के समर्थन में आये ये लोग
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने x पर पोस्ट लिखा - "पहलगाम हमले पर पोस्ट्स को लेकर सिंगर नेहा सिंह राठौर के बाद डॉ. मेडुसा के खिलाफ FIR दर्ज! जब भक्तों और गोदी मीडिया द्वारा सांप्रदायिक नफरत फैलाने का खुला प्रयास किया जा रहा है, तो उन पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर रही है जो इस पर सवाल उठा रहे हैं!"
सांसद महुआ मोइत्रा ने नेहा को टैग कर शाबासी देते हुए x पर लिखा, " प्रासंगिक सवाल नहीं पूछना देशभक्ति नहीं बल्कि अंधभक्ति है, बहुत बढ़िया"।
पत्रकार Wasiuddin Siddiqui ने लिखा, " पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार से सवाल पूछने पर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर और व्यंग्यकार डॉ. मेडुसा के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ हुई !!"
अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुद्दे पर बहस जारी है, यह सवाल बना हुआ है: क्या सवाल पूछना वाकई देशद्रोह है, या यह लोकतंत्र का मूलभूत हिस्सा है? इस मामले का नतीजा न केवल नेहा और डॉ. मेडुसा के लिए, बल्कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।