भोपाल। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में 6 फरवरी 2024 को हुए पटाखा फैक्ट्री विस्फोट के पीड़ित परिवार, मुआवजे और पुनर्वास की मांग को लेकर भोपाल के लिए पैदल मार्च कर रहे थे। हालांकि, शनिवार को सीहोर जिले के गोपालपुर गांव के पास प्रशासन द्वारा उन्हें रोक लिया गया और बातचीत के बाद उन्हें समझाइश देकर वापस हरदा भेज दिया गया।
बता दें कि हरदा के बैरागढ़ क्षेत्र में 6 फरवरी को हुए इस भीषण विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 174 लोग घायल हुए थे। हादसे ने बैरागढ़ और आसपास के गांवों में तबाही मचा दी थी। मकानों के खिड़की-दरवाजे टूट गए थे, और सैकड़ों लोग विस्फोट के कारण बेघर हो गए थे। घटना के नौ महीने बीत जाने के बावजूद पीड़ित परिवारों को न तो मुआवजा मिला और न ही पुनर्वास का कोई ठोस प्रबंध किया गया।
पीड़ितों ने शुरू की थी न्याय यात्रा
पीड़ित परिवारों ने उचित मुआवजा, मकान निर्माण के लिए सरकारी जमीन, और पुनर्वास की मांग को लेकर 14 नवंबर को हरदा से भोपाल के लिए ‘न्याय यात्रा’ शुरू की थी। इस यात्रा में 33 महिला-पुरुष और बच्चे शामिल थे। संयोजक हेमंत चौहान ने बताया कि यह यात्रा मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचने और अपनी मांगों को सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
प्रशासन की समझाइश के बाद लौटे प्रदर्शनकारी
शनिवार को यात्रा सीहोर जिले के गोपालपुर गांव के पास पहुंची, जहां हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। अधिकारियों ने दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने और छीपानेर रोड पर मकान निर्माण के लिए सरकारी जमीन का पट्टा देने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपनी यात्रा समाप्त करने का निर्णय लिया।
पीड़ितों ने पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश उर्फ राजू अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि अदालत से स्वास्थ्य कारणों के चलते मिली जमानत के बावजूद आरोपी खुलेआम घूम रहा है और वसूली कर रहा है। पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से आरोपी की जमानत रद्द कराने और सख्त कार्रवाई की मांग की।
कांग्रेस ने कहा, जनता का शोषण हो रहा
हरदा विस्फोट मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भाजपा सरकार जनता के शोषण और दमन पर उतारू है। विस्फोट के पीड़ित 9 महीने से मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। यह सरकार जन-विरोधी बन चुकी है।” उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस मामले में जवाब देने की मांग की।
हादसे में 13 लोगों की गई थी जान
6 फरवरी 2024 को हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लॉस्ट में 13 लोगों की जान गई थी। हादसा इतना खतरनाक था कि मृतकों की पहचान तक नहीं हो रही थी। घटना के बाद से पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की थी। सबसे पहले पुलिस ने पटाखा फैक्ट्री के मैनेजर 35 वर्षीय आशीष पिता राधाकिशन तमखाने और उसका सगा भाई 31 वर्षीय अमन पिता राधाकिशन तमखाने दोनों निवासी खेड़ीपुरा को खंडवा से हिरासत में लिया था। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें फैक्ट्री संचालक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल, मन्नी उर्फ रफीक खान आदि शामिल थे।
पुलिस को पटाखा फैक्ट्री के पास से मलवा हटाने के दौरान 16 ड्रमों में हजारों सुतली बम मिले थे, जिन्हें प्रशासन ने पानी में डालकर नष्ट किया था। हादसे में बेघर लोगों ने चक्काजाम कर दिया था। जबकि बाद में लोग धरने पर भी बैठे थे। इस मामले में सीएम डॉ. मोहन यादव सहित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौके पर पहुंचे थे। अब यह मामला फिर से सुर्खियों में है। पीड़ित सीएम से मिलने के लिए भोपाल आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोका जा रहा है।