रांची- हेमंत सोरेन ने एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और जल्द ही श्रमिक वर्ग के हित में बड़ा कदम उठाते हुए ठेका मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि का आदेश जारी किया। यह आदेश श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के तहत जारी किया गया है, जिसमें ठेका मजदूर (विनियमन एवं उन्मूलन) नियमावली, 1972 के तहत न्यूनतम मजदूरी में संशोधन किया गया है।
1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी इस आदेश में ठेका मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी में परिवर्तनशील महंगाई भत्ते (VDA) की नई दरें लागू की गई हैं। इसके तहत अकुशल श्रमिकों की मासिक मजदूरी ₹12,203.36 से बढ़कर ₹12,708.57 होगी, जबकि अर्द्ध कुशल श्रमिकों को अब ₹13,314.00 मासिक वेतन मिलेगा। कुशल और अति कुशल श्रमिकों के वेतन क्रमशः ₹17,550.92 और ₹20,273.72 तक बढ़ाए गए हैं।
झारखंड में बड़ी संख्या में श्रमिक ठेका व्यवस्था के तहत कार्यरत हैं। इन मजदूरों की मेहनत से राज्य के विभिन्न विकास कार्य और औद्योगिक परियोजनाएँ संभव हो पाती हैं। सरकार का यह कदम मजदूरों को प्रोत्साहन देगा और उन्हें राज्य के विकास में और अधिक योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।
हेमंत सोरेन सरकार के इस निर्णय को श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इससे राज्य में मजदूर वर्ग के बीच विश्वास और सकारात्मकता का माहौल बनेगा।
इस आदेश से झारखंड के हजारों ठेका मजदूरों को लाभ होगा और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस फैसले को श्रमिक संगठनों ने एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए सराहा है।
हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले की व्यापक सराहना हो रही है। श्रमिक संगठनों ने इसे मजदूर वर्ग के हित में ऐतिहासिक कदम बताया है। संगठनों ने कहा कि सरकार का यह फैसला मजदूरों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगा, खासकर तब जब देशभर में महंगाई तेजी से बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से न केवल मजदूरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा। ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी और महंगाई भत्ता का अधिकार देकर सरकार ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की है।