भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की डॉ. मोहन कैबिनेट द्वारा लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 को मंजूरी देने के 48 घंटे के भीतर ही सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने नए पदोन्नति नियमों को जारी कर दिया है। इन नियमों को गजट में प्रकाशित कर लागू भी कर दिया गया है। नौ साल के लंबे अंतराल के बाद राज्य सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया को पुनर्जीवित किया है, जिसे लेकर राज्य के लाखों कर्मचारी वर्ग में उत्साह है।
राज्य सरकार का तर्क है कि बीते वर्षों में पदोन्नति रुकी रहने के कारण हजारों अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो गए, जिससे प्रशासनिक कार्यक्षमता पर असर पड़ा और कर्मचारियों का मनोबल भी गिरा।
आरक्षण का अनुपात?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सीधी भर्ती में SC वर्ग को 16% और ST वर्ग को 20% आरक्षण पहले से दिया जा रहा है, इसलिए पदोन्नति में भी इन वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है।
पदोन्नति के लिए समिति (DPC) का गठन
हर विभाग में विभागीय पदोन्नति समिति (Departmental Promotion Committee) गठित की जाएगी, जिसकी संरचना इस प्रकार होगी:
अध्यक्ष: विभाग का सचिव
सदस्य: विभागाध्यक्ष सचिव और GAD से उप सचिव या उच्च पदस्थ अधिकारी
समावेशिता: यदि समिति में SC/ST वर्ग का कोई सदस्य नहीं है, तो उस वर्ग का सेकेंड क्लास अधिकारी समिति में शामिल किया जाएगा।
यदि समिति किसी निर्णय पर सहमत नहीं होती, तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष समिति निर्णय लेगी।
नई समिति 2028 तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद इसमें बदलाव संभव होगा। हर चयन वर्ष के लिए कर्मचारी की सेवा अवधि और सीआर (गोपनीय प्रतिवेदन) को आधार बनाकर मूल्यांकन किया जाएगा।
पदोन्नति के लिए सीआर का निर्धारण कैसे होगा?
चयन वर्ष से पिछले 5 वित्तीय वर्षों की सीआर अनिवार्य होगी।
अधिकतम 2 साल की सीआर न मिलने पर पिछले 7 वर्षों की सीआर को देखा जाएगा।
किसी वर्ष में 6 महीने की रिपोर्ट मिलना आवश्यक होगा, तभी उस वर्ष को गणना में लिया जाएगा।
स्व-मूल्यांकन भी मान्य होगा यदि वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी अनुपलब्ध है।
कैसे तय होंगे पदोन्नत होने वाले नाम?
उदाहरण: यदि किसी संवर्ग में 5 पद खाली हैं, तो उस संवर्ग की वरिष्ठता सूची से अधिकतम (2X5) + 4 = 14 नाम बुलाए जाएंगे। इनमें से न्यूनतम 15 अंक (सीआर आधारित) लाने वाले ही पदोन्नति के योग्य माने जाएंगे। आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम 14 अंक पर्याप्त होंगे, परंतु उन्हें सिर्फ आरक्षित रिक्तियों में ही पदोन्नति दी जाएगी, अनारक्षित में नहीं।
किसे मिलेगी प्राथमिकता?
DPC समिति कर्मचारियों की प्रशासनिक दक्षता के आधार पर दो वर्गों में बांटेगी: लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 को लेकर सरकार ने एक संतुलन साधने की कोशिश की है जिसमें आरक्षण, प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता को एक साथ जोड़ा गया है। लेकिन पदोन्नति नियम-2017 को लागू न करने और नए फॉर्मूले के जरिए नियम थोपने को लेकर कुछ कर्मचारियों में असंतोष है।