भोपाल। द मूकनायक द्वारा "GG फ्लाईओवर का नाम बदलने की मुख्यमंत्री की घोषणा बनी दिखावा?" शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए फ्लाईओवर का नाम आधिकारिक रूप से "डॉ. भीमराव अंबेडकर सेतु" कर दिया। ब्रिज पर नए नाम के बोर्ड लगाए गए हैं, और गूगल मैप पर भी अपडेट कर दिया गया है।
प्रशासन ने लिया त्वरित एक्शन
23 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने GG फ्लाईओवर का उद्घाटन करते हुए इसे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने की घोषणा की थी। लेकिन एक महीने का समय बीत जाने के बावजूद इस नामकरण को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं निकला था, साथ ही ब्रिज पर किसी तरह के नाम की पट्टिका नहीं लगाई गई थी। यहां तक कि गूगल मैप पर भी यह जीजी फ्लाईओवर के नाम से दिखाई दे रहा था।
द मूकनायक की खबर के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ा और देर रात प्रशासन ने फ्लाईओवर पर बड़े-बड़े "डॉ. भीमराव अंबेडकर सेतु" के साइन बोर्ड लगवा दिए। ब्रिज के एंट्रेंस गेट पर भी नाम की पट्टिका लगा दी गई।
गूगल मैप पर भी हुआ अपडेट
नाम बदलने की प्रक्रिया का असर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी दिखा। जिसके कुछ ही घंटों बाद गूगल मैप पर भी GG फ्लाईओवर के साथ 'डॉ. अंबेडकर सेतु' नाम दिखने लगा।
कांगेस एससी विभाग ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
द मूकनायक में समाचार प्रकाशित होने के बाद एससी आयोग के पूर्व सदस्य और अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे। अब जब नाम बदलने की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं, तो उन्होंने द मूकनायक की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यदि यह रिपोर्ट नहीं आती, तो प्रशासन लापरवाह बना रहता। अब उम्मीद है कि सरकार अपने फैसलों को गंभीरता से लेगी।
प्रदीप अहिरवार ने कहा कि प्रशासन को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि यदि नाम नहीं बदला गया तो प्रदर्शन होगा। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद प्रशासन गंभीर नहीं था। जब तक समाचार और सोशल मीडिया से दबाव नहीं बनता, तब तक अधिकारी निष्क्रिय बने रहे।