भोपाल। मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के समान आयु सीमा में छूट दिए जाने से संबंधित 20 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने आदित्यनारायण पांडे बनाम भारत सरकार (याचिका क्रमांक WP/14695/2024) सहित अन्य मामलों की एक साथ सुनवाई की। इस दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा, जबकि अन्य याचिकाओं में वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, रामेश प्रजापति और शुभांशु कौल ने दलीलें पेश कीं।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष:
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि केंद्रीय भर्तियों में OBC, SC और ST वर्ग को आयु सीमा में छूट का लाभ मिलता है, लेकिन EWS वर्ग को यह छूट नहीं दी गई है। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह EWS उम्मीदवारों के लिए भी आयु सीमा में छूट का प्रावधान करे।
भारत सरकार और UPSC का जवाब:
भारत सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय और पुष्पेंद्र यादव, जबकि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक ने जवाब पेश किया।
सरकार की ओर से दलील दी गई कि अनुच्छेद 15 और 16 के तहत OBC, SC और ST को सामाजिक आधार पर आरक्षण दिया गया है, जबकि EWS को केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण मिला है। इसलिए, इन दोनों को समान आधार पर नहीं रखा जा सकता।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि 103वें संविधान संशोधन के तहत EWS को अधिकतम 10% आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन इसमें आयु सीमा में छूट का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने 1991 के इंद्रा साहनी केस का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की नौ-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने आर्थिक आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक ठहराया था, जिसके बाद ही 103वां संशोधन किया गया।
सरकार का यह भी कहना था कि 19 जनवरी 2019 को जारी DOPT की गाइडलाइन में भी EWS के लिए आयु सीमा में छूट का कोई प्रावधान नहीं है। चूंकि यह नीतिगत मामला (Policy Matter) है, इसलिए हाईकोर्ट अनुच्छेद 226 के तहत इसे पुनरीक्षित नहीं कर सकता।
यूपीएससी के निर्देश के बावजूद आवेदन नहीं कर सके अभ्यर्थी
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद UPSC ने EWS उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट नहीं दी, जिससे वे सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन तक नहीं कर सके।
अदालत का फैसला सुरक्षित
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी मामलों को अंतिम निर्णय के लिए सुरक्षित रख लिया है। अब हाईकोर्ट के फैसले पर ही यह निर्भर करेगा कि EWS उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट मिलेगी या नहीं।