+

मध्य प्रदेश: राजधानी को झुग्गी मुक्त बनाने की योजना, 5 साल में पूरा होगा अभियान

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक अभियान की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर यह योजना तैयार की गई है, जिसमें शहर को नौ कलस्टरों में विभाजित किया गया है। योजना के तहत सर्वेक्षण कर झुग्गी क्षेत्रों का चिह्नांकन किया जाएगा और उन शासकीय भूमि की पहचान की जाएगी, जहां ये झुग्गियां बनी हुई हैं।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण की शुरुआत मंत्रालय वल्लभ भवन से की जाएगी। यहां लगभग 39 हेक्टेयर भूमि में बनी नौ झुग्गी बस्तियों को हटाकर पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत पक्के मकानों में स्थानांतरित किया जाएगा। इन बस्तियों में ओम नगर, वल्लभ नगर, भीम नगर, दुर्गा नगर, अशोक सम्राट नगर, कुम्हार पुरा, झदा कॉलोनी और वल्लभ नगर दो शामिल हैं।

इन बस्तियों में रहने वाले 6,534 परिवारों को 12 हेक्टेयर भूमि पर बनाए जाने वाले पक्के मकानों में बसाया जाएगा। शेष 27 हेक्टेयर भूमि का उपयोग रिडेंसिफिकेशन नीति और सुराज अभियान के तहत व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, मॉल, और अन्य आवासीय परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।

बैठक में तय प्रारूप तय

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में इस अभियान की योजना को अंतिम रूप देने के लिए नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में यह तय हुआ कि एक सप्ताह के भीतर डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट), डिज़ाइन, प्लानिंग पॉलिसी, एस्टीमेट और टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

पांच वर्ष का लक्ष्य, पहले साल में 25,000 झुग्गियां हटाने का प्रयास

इस अभियान के लिए पांच वर्ष का लक्ष्य तय किया गया है। पहले साल में करीब 25,000 झुग्गियों को हटाने का प्रयास किया जाएगा। दो महीने के भीतर नौ कलस्टरों का सर्वेक्षण और कार्ययोजना तैयार कर सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा। अनुमति मिलते ही झुग्गी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत काम शुरू किया जाएगा।

झुग्गी पुनर्वास कार्यक्रम चलाएगा प्रशासन

झुग्गी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत झुग्गीवासियों को बेहतर जीवनयापन के लिए पक्के मकान दिए जाएंगे। यह योजना न केवल झुग्गीवासियों को सुरक्षित आवास प्रदान करेगी, बल्कि शहर की शहरी संरचना को भी बेहतर बनाएगी।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान के दौरान झुग्गीवासियों की सहमति और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी। पुनर्वास के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं, जैसे पानी, बिजली और शिक्षा, उनके नए घरों में उपलब्ध हों।

शहर में कुल 4,50,000 मकानों में से 1,50,000 झुग्गियां हैं, जो शहरी आबादी के एक बड़े हिस्से को आश्रय प्रदान करती हैं। हालांकि, शहर के विकास और बुनियादी ढांचे को सुधारने के उद्देश्य से इन झुग्गियों को व्यवस्थित रूप से हटाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए प्रशासन ने 9 क्लस्टर बनाए हैं, जिनके तहत झुग्गियों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।

पहले चरण में, कुल 6,534 झुग्गियों को हटाने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रक्रिया में प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराने और उनके पुनर्वास की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहर के स्वच्छता, यातायात और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।

शहरी विकास विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना भोपाल के शहरी परिदृश्य को बदलने में सहायक होगी। हालांकि, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि झुग्गीवासियों को उनके नए घरों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो। द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल के समाजसेवी महेशनंद मैहर ने कहा, "झुग्गियां यदि हटाई जानी है तो सभी परिवारों को पहले जमीन, या मकान की व्यवस्था करें, क्योंकि प्रशासन ने पहले ही सैकड़ो झुग्गियों को हटाया पर आज तक कई परिवारो को जगह नहीं मिली सकी।"

facebook twitter