नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (BBAU) के रजिस्ट्रार अश्विनी सिंह को अनुशासनात्मक जांच कमेटी की सिफारिश के बाद निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी किया। निलंबन आदेश के तुरंत बाद रजिस्ट्रार के कार्यालय को सील कर दिया गया।
अश्विनी सिंह पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (BoM) के मिनट्स में छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों को लेकर उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें निर्देश दिया है कि वे अब लाइब्रेरियन को रिपोर्ट करें और बिना पूर्व सूचना के लखनऊ नहीं छोड़ सकते।
विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार के पद पर अब प्रो. यूवी किरण की नियुक्ति की संभावना है। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। उम्मीद है कि मंगलवार को यह घोषणा की जा सकती है।
जुलाई 2022 में किया था कार्यभार ग्रहण
अश्विनी सिंह ने जुलाई 2022 में BBAU में रजिस्ट्रार का कार्यभार ग्रहण किया था। इससे पहले वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में जॉइंट रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत थे। उन्हें विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. संजय सिंह का करीबी माना जाता था।
5 मई 2024 को प्रो. संजय सिंह के विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद प्रो. एनएमपी वर्मा ने कुलपति का कार्यभार संभाला। तब से ही विश्वविद्यालय प्रशासन में कई बदलाव किए गए।
BBAU प्रशासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए देर रात 10 बजे निलंबन आदेश जारी किया। यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस तरह के आरोपों पर कार्रवाई की हो। इस घटना ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे मामलों से न केवल विश्वविद्यालय की छवि प्रभावित होती है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों का भरोसा भी कम होता है।
जानकारी के अनुसार, अश्विनी सिंह के खिलाफ जांच जारी रहेगी, और उनके ऊपर लगे आरोपों की सत्यता की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले में निष्पक्ष जांच होने की बात कही है।