प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह वर्ष 2021 की उप निरीक्षक (सिविल पुलिस), प्लाटून कमांडर (PAC), और फायर स्टेशन सेकंड ऑफिसर (FSSO) की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की महिला अभ्यर्थियों के लिए 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु अलग मेरिट लिस्ट तैयार करे।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने 23 मई को नेहा शर्मा व 53 अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं के समूह को मंजूरी देते हुए दिया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार ने यह स्वीकार किया है कि सामान्य (ओपन) वर्ग की महिला आरक्षण वाली 722 सीटें और EWS वर्ग की 181 महिला सीटों को मिलाकर कुल 903 सीटों को एक साथ गिनती में लिया गया, और यह दावा किया कि इससे दोनों वर्गों में महिलाओं का पूरा आरक्षण भर दिया गया।
हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने तर्क दिया कि सरकार ने ओपन श्रेणी और EWS श्रेणी के महिला आरक्षण को गलत तरीके से मिला दिया, जबकि नियमों के अनुसार इन दोनों श्रेणियों में महिलाओं का आरक्षण अलग-अलग लागू किया जाना चाहिए था।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, भले ही कुल महिला आरक्षण की सभी सीटें भर दी गईं, लेकिन EWS कोटे के तहत केवल 34 महिलाओं को ही आरक्षण का लाभ मिला, जबकि इस वर्ग के लिए 181 सीटें निर्धारित थीं। सरकार यह स्पष्ट करने में विफल रही कि किस नियम, आदेश या शासनादेश (GO) के तहत महिला आरक्षण को ओपन श्रेणी और EWS श्रेणी में मिलाकर लागू किया गया।
अदालत ने अब सरकार को आदेश दिया है कि वह इस त्रुटि को ठीक करे और EWS महिला अभ्यर्थियों को उनके वर्ग के अनुसार निर्धारित क्षैतिज आरक्षण का लाभ प्रदान करे।