नई दिल्ली- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) की प्रवेश प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर एसोसिएशन ऑफ इंजीनियर्स (BANAE) ने विश्वविद्यालय के बैचलर प्रोग्राम 2025-26 के एडमिशन ब्रोशर में कई गड़बड़ियों को उजागर किया है। संगठन का आरोप है कि यहां अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को व्यवस्थित तौर पर प्रवेश से वंचित रखा जा रहा है। BANAE के कानूनी सलाहकार एडवोकेट एस.एल. विशाल ने कुलपति को एक पत्र लिखकर वंचित छात्रों के लिए निष्पक्ष प्रतिनिधित्व और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की है।
पत्र में GGSIPU की आरक्षण नीति, छात्रवृत्ति प्रावधानों और काउंसलिंग प्रक्रिया में गंभीर विसंगतियों को रेखांकित किया गया है। विश्वविद्यालय "समानता, उत्कृष्टता और सभी के कल्याण" की बात करता है, लेकिन BANAE का दावा है कि मौजूदा प्रवेश प्रणाली संवैधानिक जनादेशों और वंचित समुदायों के लिए बनी कल्याणकारी योजनाओं के खिलाफ है।
इस संबंध में 10 जून को BANAE के एक प्रतिनिधिमंडल के कुलपति से मिलने की उम्मीद है।
प्रवेश प्रक्रिया में ये हैं प्रमुख खामियां
एक बड़ी चिंता काउंसलिंग प्रक्रिया में SC/ST छात्रों को समय से पहले बाहर करने की है। राउंड-3 की काउंसलिंग फ्लो चार्ट के तहत खाली पड़ी आरक्षित सीटों को जनरल कैटेगरी में बदल दिया जाता है। इससे योग्य SC/ST उम्मीदवार अंतिम स्पॉट राउंड से पहले ही बाहर हो जाते हैं। BANAE का तर्क है कि यह एडमिशन ब्रोशर के क्लॉज 6.1.1 का उल्लंघन है, जिसके अनुसार आरक्षित सीटों को केवल अंतिम काउंसलिंग सत्र के बाद ही बदला जा सकता है। GGSIPU का नियम है कि पहले SC/ST के सभी योग्य छात्रों को मौका दिया जाए, और अगर फिर भी सीटें खाली रहें, तभी उन्हें जनरल कैटेगरी में बदला जाए। लेकिन विश्वविद्यालय मेरिट लिस्ट पूरी होने से पहले ही (यानी कई SC/ST छात्रों को बिना मौका दिए) सीटों को जनरल कर रहा है। इससे SC/ST छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है। संगठन ने मांग की है कि सीटों को बदलने से पहले कम से कम एक विशेष स्पॉट राउंड SC/ST उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाए।
इसके अलावा, BANAE ने एडमिशन ब्रोशर में SC/ST छात्रों के लिए महत्वपूर्ण छात्रवृत्ति योजनाओं को शामिल न करने पर आपत्ति जताई है। हालांकि दस्तावेज में डायरेक्टोरेट ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर (DSW) के तहत वित्तीय सहायता का जिक्र है, लेकिन इसमें SC/ST छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप (PMS) और टॉप-क्लास एजुकेशन स्कॉलरशिप (TCS) जैसी केंद्रीय योजनाओं को शामिल नहीं किया गया है। हैरानी की बात यह है कि ब्रोशर में सिर्फ OBC छात्रों के लिए PMS का उल्लेख है, जिससे जानबूझकर छूट देने के सवाल खड़े होते हैं। पत्र में दिल्ली सरकार की डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्कॉलरशिप फॉर टॉपर्स जैसी योजनाओं को शामिल न करने पर भी चिंता जताई गई है, जो मेधावी SC/ST छात्रों के वित्तीय बोझ को कम कर सकती हैं।
BANAE ने कुलपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है ताकि:
SC/ST छात्रों के लिए केंद्रीय योजनाएं, PMS, फ्रीशिप कार्ड, शुल्क रियायत योजनाएं शामिल की जाएं
भेदभाव रोकने के अतिरिक्त उपाय किए जाएं
SC/ST छात्रों की भागीदारी बढ़ाई जाए
सभी आरक्षित सीटों को बिना बदले भरा जाए
वर्तमान और भविष्य की प्रवेश प्रक्रियाओं में स्पष्टता सुनिश्चित की जाए
ताकि GGSIPU में SC/ST छात्रों का नामांकन बढ़ सके।