यूपी/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी दलित पत्रकार सत्य प्रकाश भारती पर पुलिसिया उत्पीड़न और प्रताड़ना की आलोचना करते हुए आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सत्य प्रकाश यूपी पुलिस की एक संदेहास्पद कार्रवाई पर इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट तैयार कर रहे थे, जब वह मामले पर पुलिस अधिकारियों का पक्ष लेने DCP ऑफिस गए तो उन्हें पहले हिरासत में ले लिया गया फिर आरोप है कि पुलिस ने 6-7 घंटे कस्टडी में रखा, और उनकी बर्बरता से पिटाई की। यह घटना बीते रविवार की रात की है।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मामले पर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि, “मात्र सवाल पूछने पर लखनऊ पुलिस द्वारा शोषित वंचित समाज के पत्रकार सत्य प्रकाश भारती को प्रताड़ित करने, अवैध हिरासत में रखकर पिटाई करने, मोबाईल फार्मेट करने और तबियत खराब होने पर शांतिभंग का चालान कर छोड़ने की घटना अफसरों की तानाशाही बताती है और साथ ही ये भी बताती कि सरकार दलित विरोधी है। मैं सत्य प्रकाश भारती जी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रकृति से प्रार्थना करता हूं और यूपी डीजीपी से आरोपी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करता हूँ।”
मात्र सवाल पूछने पर लखनऊ पुलिस द्वारा शोषित वंचित समाज के पत्रकार @Satyabhrt7 को प्रताड़ित करने, अवैध हिरासत में रखकर पिटाई करने, मोबाईल फार्मेट करने और तबियत खराब होने पर शांतिभंग का चालान कर छोड़ने की घटना अफसरों की तानाशाही बताती है और साथ ही ये भी बताती कि सरकार दलित विरोधी…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) August 22, 2024
आपको बात दें कि, राजधानी लखनऊ में 31 जुलाई को हुए एक छेड़छाड़ मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा कुछ युवकों पर की गई संदेहास्पद कार्रवाई की — न्यूजलांड्री मीडिया समूह — के लिए द मूकनायक के पूर्व पत्रकार सत्य प्रकाश भारती एक इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। इसी मामले में वह पुलिस अधिकारियों का पक्ष लेने अधिकारियों के पास पहुंचे थे।
पत्रकार सत्य प्रकाश भारती का आरोप है कि उनके सवाल पुलिसकर्मियों को नागवार गुजरे और उन्हें DCP ऑफिस से IPS शशांक सिंह के निर्देश पर थाने उठाया लाया गया।
अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पत्रकार ने आरोप लगाया है कि, "DCP ने मेरा मोबाईल PRO से लिया, उसे फार्मेट करने को बोला। मेरा चश्मा निकाल लिया और पीटने को बोला गया लेकिन बुजुर्ग बैठे थे इसलिए वहां हाथ नहीं लगाया। पहले क्राइम टीम को बुलाया गया। जब वह नहीं आई तो थाना गोमतीनगर से पुलिस बुलाई गई। थानेदार राजेश त्रिपाठी मुझे धक्के मारते हुए DCP कार्यालय से बाहर लाये और गाड़ी में पीछे बैठाकर पेट, मुंह और जबड़े पर घूसा मारा। फिर रास्ते भर पीटते हुए थाने ले गए।"
सत्य प्रकाश ने बताया कि, “इंस्पेक्टर के कमरे के पीछे एक कमरा बना है वहां ले जाकर मुझे पीटा गया। मुझसे जबरन बयान लिखवाया गया। मुझे पीटकर कहा गया- 'लिख कि मैं चोरी से रिकार्डिंग कर रहा था।' हत्या के डर के कारण उन्होंने जो कहा मैंने कर दिया। पीटने के बाद मुझे 6-7 घण्टे जमीन पर बैठाये रखा।”
ये पत्रकार सत्य प्रकाश भारतीय हैं. आरोप है कि लखनऊ पुलिस ने पीट पीट कर इनका ये हाल बनाया है. फिलहाल सत्य प्रकाश का कमर से नीचे का हिस्सा सुन्न पड़ा है.
— Priya singh (@priyarajputlive) August 18, 2024
अब सवाल उठता है कि इस पत्रकार ने ऐसा कौन सा गुनाह किया, जिसकी सजा इन्हें मिली है. आख़िर पुलिस वाले इतने बेलगाम कैसे हो गये हैं… pic.twitter.com/mpMfH4Jn61
सत्य प्रकाश के अस्पताल में भर्ती होने का एक फोटो साझा करते हुए कई पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा की है साथ ही पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
सत्य प्रकाश भारती @The_Mooknayak में पत्रकार रह चुके हैं। वंचित शोषित वर्गों की पीड़ाओं को उजागर करने में और अन्याय के खिलाफ़ रिपोर्टिंग करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। आज ये भयावह की ख़बर मिल रही है।
— Priyanka Bharti (@priyanka2bharti) August 18, 2024
एक पत्रकार के पत्रकारिता करने का अंजाम उत्तर प्रदेश में क्या होता है, यह इस… https://t.co/SdtIiiRjPR