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MP के सीहोर में दलित परिवार का हुक्का-पानी बंद, कांग्रेस नेता के भाई पर जान से मारने की धमकी देने, गांव छोड़ने के लिए मजबूर करने का आरोप!

भोपाल। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बकतरा गांव (तहसील शाहगंज, विधानसभा बुधनी) में अनुसूचित जाति के परिवारों का हुक्का-पानी बंद करने का मामला सामने आया है। कांग्रेस नेता और एक पूर्व मंत्री के भाई के कहने पर गांव के प्रभावशाली लोगों ने एक पंचायत बुलाकर परिवार को बहिष्कृत करने का फरमान सुनाया। साथ ही, दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि यदि वे इन परिवारों को राशन-पानी या अन्य सामान बेचते हैं, तो उन्हें 1 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।

मकान बनाने पर दी गई धमकी

बकतरा निवासी राधेश्याम बंशकार ने द मूकनायक को बताया कि 24 फरवरी 2025 की शाम 7:30 बजे उनके पड़ोसी रूपसिंह चौहान ने घर आकर जातिसूचक टिप्पणी की और धमकी दी कि वे उनके घर के सामने मकान न बनाएं। जब राधेश्याम ने इसका विरोध किया, तो रूपसिंह ने उनके साथ गाली-गलौच और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद रूपसिंह के बेटे सोनू चौहान और प्रभात चौहान और उसका भाई मोहन चौहान भी वहां आ गए और लाठी-डंडों से हमला कर दिया।

इस घटना में राधेश्याम बंशकार, उनके बेटे दीनबंधु, नाती सागर, भाभी सुखवती बाई, पत्नी भोली बाई, भतीजा दुर्गेश, बड़े भाई प्रेमसिंह और बेटा दीपेश घायल हो गए। सभी को गंभीर चोटें आईं। पीड़ितों का कहना है कि जाते-जाते आरोपियों ने धमकी दी कि अगर वे उनके घर के सामने मकान बनाएंगे, तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। इसके बाद पीड़ितों ने शाहगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।

गाँव की पंचायत ने सुनाया बहिष्कार का फरमान

पीड़ितों के अनुसार, 28 फरवरी 2025 को किरार समाज के लोगों ने गांव में एक जातिगत पंचायत बुलाई, जिसमें फैसला लिया गया कि बंशकार समाज के लोगों का हुक्का-पानी बंद कर दिया जाए। पंचायत में दुकानदारों को निर्देश दिया गया कि वे अनुसूचित जाति के लोगों को कोई भी सामान न दें और यदि कोई ऐसा करता है तो उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

इस फैसले के बाद बकतरा गांव में बंशकार समाज के लोगों को राशन-पानी तक मिलना बंद हो गया। खेतों में मजदूरी करने पर भी रोक लगा दी गई। लगातार मिल रही धमकियों के कारण पीड़ित परिवार गांव छोड़कर दूसरे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।

गाँव के वंशकार समाज के एक व्यक्ति ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व मंत्री के भाई, जिनका इस क्षेत्र में खासा वर्चस्व है, उनके कहने पर गाँव की पंचायत ने पीड़ित परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी बेहद कठिन हो गई है। न तो गाँव के दुकानदार उन्हें सामान दे रहे हैं और न ही अन्य ग्रामीण उनके घर आ-जा रहे हैं।

वंशकार समाज के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश वंशल ने द मूकनायक से बातचीत में आरोप लगाया कि एक पूर्व मंत्री के भाई देवकुमार पटेल और अन्य लोगों ने जातिगत कुंठा के कारण पीड़ित परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती हैं और वंशकार समाज के लोगों के साथ हो रहे अन्याय को दर्शाती हैं।

मुकेश वंशल ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से अपेक्षा जताई कि जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासन से न्याय की मांग, प्रदर्शन की चेतावनी

पीड़ित परिवारों ने सीहोर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो बंशकार समाज के लोग जिला मुख्यालय सीहोर पर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

प्रशासन ने शुरू की जांच

शाहगंज एसडीएम दिनेश कुमार तोमर ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि वंशकार परिवार के सामाजिक बहिष्कार की शिकायत प्रशासन को मिली है। फिलहाल इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच कराई जा रही है।

एसडीएम ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी परिवार के साथ भेदभाव या सामाजिक बहिष्कार जैसी घटनाएं न हों।

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