पाटन- गुजरात के पाटन जिले के सांतलपुर तालुका के दात्राणा गांव में 16 जुलाई को एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जब गांव के सरपंच और उनके साथियों ने एक दलित परिवार पर जानलेवा हमला किया। यह घटना तब शुरू हुई जब एक दलित व्यक्ति ने अपने घर के सामने बनाए गए नाले को नुकसान न पहुंचाने की गुजारिश की।
इस छोटी सी बात पर भड़के सरपंच और उनके साथियों ने न केवल जातिगत अपशब्दों का इस्तेमाल किया, बल्कि परिवार के सदस्यों पर लकड़ी और गददा पाटु जैसे हथियारों से हमला कर दिया। यह घटना गुजरात में दलित समुदाय के खिलाफ बढ़ती जातिवादी हिंसा का एक और उदाहरण है, जो सामाजिक असमानता और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है।
FIR में बताई गई जानकारी के अनुसार 16 जुलाई की शाम करीब 6:30 बजे, दात्राणा गांव में सरपंच जीवणभाई सवाभाई आहिर जेसीबी मशीन से सड़क पर कीचड़ हटा रहे थे। इस दौरान, दलित समुदाय के मादेवभाई धवल ने अपने घर के सामने बनाए गए नाले को नुकसान न पहुंचाने की गुजारिश की, ताकि सड़क पर पानी न फैले और गंदगी से बचा जा सके। इस बात पर सरपंच भड़क गए और उन्होंने मादेवभाई के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी, जिसमें जातिगत अपशब्द शामिल थे। इसके बाद सरपंच ने मादेवभाई पर गददा पाटु (एक प्रकार का औजार) से हमला किया।
जब मादेवभाई के परिवार के सदस्य मुलजीभाई दानाभाई धवल, नारणभाई, उनकी पत्नी उपाबेन, मयूरभाई और विनोदभाई आदि उन्हें बचाने के लिए बीच में आए तो सरपंच ने अपने साथियों को बुला लिया। इनमें किशनभाई जीवणभाई आहिर, भचाभाई उर्फ भप्पो पाताभाई आहिर, विरमभाई सवाभाई आहिर, परबतभाई लालाभाई आहिर, सवाभाई लालाभाई आहिर, दलाभाई लालाभाई आहिर और अन्य अज्ञात व्यक्ति शामिल थे।
इन लोगों ने एकजुट होकर दलित परिवार पर हमला किया, जिसमें लकड़ी और गददा पाटु जैसे हथियारों का उपयोग किया गया। हमले में नारणभाई, उपाबेन, मुलजीभाई, मयूरभाई और विनोदभाई को विशेष रूप से पीठ और सिर पर गंभीर चोटें आईं। हमलावरों ने पथराव भी किया और परिवार के घर के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की।
हमलावरों ने धमकी दी कि "आज तो बच गए, लेकिन अगली बार जान से मार देंगे।" घायलों को 108 एम्बुलेंस के जरिए सांतलपुर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी प्राथमिक चिकित्सा की गई। इसके बाद, मुलजीभाई दानाभाई धवल ने सांतलपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।
शिकायत को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC/ST Act) की धारा 3(1)(r) (अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति को जानबूझकर अपमानित करना) और धारा 3(1)(s) (अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति के खिलाफ जातिगत अपशब्दों का उपयोग) के साथ बीएनएस की धाराओं में दर्ज किया गया है।
FIR में सरपंच जीवणभाई सवाभाई आहिर, किशनभाई जीवणभाई आहिर, भचाभाई उर्फ भप्पो पाताभाई आहिर, विरमभाई सवाभाई आहिर, परबतभाई लालाभाई आहिर, सवाभाई लालाभाई आहिर और दलाभाई लालाभाई आहिर नामजद हैं।
पाटन से सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्रभाई एम परमार कहते हैं कि दात्राणा गांव की यह घटना इस बात का प्रमाण है कि जातिगत मानसिकता अभी भी समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए है।
गुजरात में दलितों के खिलाफ जातिवादी हिंसा की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में गुजरात में SC/ST Act के तहत 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जो दलित समुदाय के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को दर्शाता है। कई मामलों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, दलितों को सामाजिक बहिष्कार, अपमान और हिंसा का शिकार बनाया जाता है। इस तरह की हिंसा अक्सर छोटे-छोटे विवादों, जैसे व्यक्तिगत जीवनशैली या सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से शुरू होती है।