भोपाल। मध्य प्रदेश के जबलपुर के त्रिपुरी वार्ड स्थित शाहनाला में दलित परिवार के साथ हुए अत्याचार की घटना ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। भाजपा नेता अमित द्विवेदी द्वारा दलित अनिल झारिया और उनकी पत्नी वर्षा पर हुए हमले के बाद पीड़ित परिवार को अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी। घटना के बाद से परिवार डरा हुआ है और आरोपियों के रसूख के कारण पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
बीते 25 नवंबर की सुबह, अनिल झारिया अपने घर के पीछे नाले के पास जंगली पेड़ काटकर एक कमरा बनाने की तैयारी कर रहे थे। तभी पड़ोसी और भाजपा नेता अमित द्विवेदी वहां पहुंचा और विवाद शुरू हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि अमित, उसके पिता संतोष, और मां शिववती ने अनिल और उनकी पत्नी वर्षा के साथ मारपीट शुरू कर दी।
घटना के दौरान अमित ने अनिल को जमीन पर गिरा दिया और उसके सीने पर बैठकर पिटाई की। जब वर्षा ने मोबाइल से घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो अमित की मां ने उन्हें पकड़कर घसीटा और चप्पलों से मारा। इस झगड़े में अनिल की 12 वर्षीय बेटी को भी चोटें आईं, जब उसने अपने पिता को बचाने की कोशिश की।
वीडियो ने खोली सच्चाई, फिर भी डरे हुए हैं पीड़ित
घटना का 1 मिनट 14 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में भाजपा नेता की क्रूरता साफ देखी जा सकती है। इसके बाद पुलिस ने 26 नवंबर को एफआईआर दर्ज की। हालांकि, अनिल और उनका परिवार घटना के बाद घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हो गया।
अनिल ने बताया, "जिस जमीन पर हम 30 साल से रह रहे हैं, उस पर अमित द्विवेदी कब्जा करना चाहता है। उसने धमकी दी थी कि अगर थाने गए तो पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। जब तक सुरक्षा नहीं मिलेगी, हम घर वापस नहीं जाएंगे।"
कांग्रेस ने की घटना की निंदा, भाजपा ने आरोपी को पद से हटाया
घटना के बाद भाजपा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी अमित द्विवेदी को गढ़ा बूथ अध्यक्ष पद से हटा दिया। भाजपा के महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने इसे निंदनीय घटना बताया और कहा कि पार्टी अमित की सदस्यता पर भी विचार करेगी।
कांग्रेस ने इसे भाजपा की दमनकारी मानसिकता का परिणाम बताया। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने कहा, "लाड़ली लक्ष्मी और नारी सम्मान की बात करने वाली भाजपा के नेता खुद महिलाओं और बच्चों को मार रहे हैं। भाजपा गुंडों और अपराधियों की शरणस्थली बन चुकी है।"
एससी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने द मूकनायक से बातचीत में प्रदेश में दलित-आदिवासियों के खिलाफ बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिनमें ज्यादातर मामलों में आरोपियों का संबंध भाजपा से है या उन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने कहा, "प्रदेश में दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों की घटनाओं में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। इन घटनाओं में भाजपा से जुड़े लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल पाए जाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है।"
30 साल पुराना जमीन विवाद बना मारपीट की वजह
त्रिपुरी वार्ड की शाहनाला बस्ती में अनिल झारिया 30 वर्षों से रह रहे हैं। उनके पिता राजकुमार ने सरकार द्वारा दिए गए पट्टे पर मकान बनवाया था। 23 नवंबर को जब अनिल ने घर के पीछे नाले के पास कमरा बनाने की शुरुआत की, तो अमित ने इसका विरोध किया। स्थानीय पार्षद सुनील गोस्वामी ने झगड़ा शांत करवाया, लेकिन विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ।
25 नवंबर को अमित ने पूरे परिवार के साथ आकर मारपीट की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अमित इस जमीन को प्लॉट में बदलकर बेचने की योजना बना रहा है।
पीड़ित परिवार की हालत और सुरक्षा की मांग
मारपीट और धमकी के कारण झारिया परिवार अपने ही घर में रहने को असुरक्षित महसूस कर रहा है। वर्षा ने बताया कि घटना के समय लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। अनिल का कहना है कि बिना सुरक्षा के घर लौटना मुमकिन नहीं है।
घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि रसूखदार आरोपी से उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी जा रही। यह घटना पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करती है।