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MP: ग्वालियर में बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापना को लेकर बढ़ा विवाद, भोपाल से ग्वालियर तक SC कांग्रेस निकालेगी सत्याग्रह मार्च

भोपाल। ग्वालियर में भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद दिनों-दिन गहराता जा रहा है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा प्रतिमा की स्थापना के स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक इस आदेश का पालन नहीं हुआ है। उल्टा, बाबा साहेब की प्रतिमा को न्यायालय परिसर में प्रवेश से रोका जा रहा है और प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की धमकियाँ तक सामने आई हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दलित समाज और सामाजिक बहुजन संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है।

इस मुद्दे को लेकर अब एससी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा की स्थापना में हो रही देरी और विरोध के खिलाफ वे शांतिपूर्ण सत्याग्रह मार्च करेंगे, जो भोपाल से ग्वालियर तक निकाला जाएगा। यह मार्च न केवल एक शिल्प की स्थापना की मांग करेगा, बल्कि यह सामाजिक न्याय, आत्मसम्मान और संविधान की मूल भावना की रक्षा के लिए जनजागरण का माध्यम बनेगा।

प्रदीप अहिरवार ने द मूकनायक से बातचीत करते हुए कहा कि, “बाबा साहेब की प्रतिमा कोई आम प्रतिमा नहीं है, यह उन करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं और आत्मसम्मान का प्रतीक है जो सदियों से शोषित और वंचित रहे हैं। यह मूर्ति न्यायपालिका के परिसर में स्थापित होनी चाहिए, जिससे यह संदेश जाए कि हमारा संविधान आज भी जीवित है और उसका सम्मान किया जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि कुछ कट्टरपंथी तत्व जो नाथूराम गोडसे और सावरकर की विचारधारा से प्रेरित हैं, वे बाबा साहेब के विचारों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। परंतु दलित समाज और संवैधानिक मूल्यों में आस्था रखने वाले लोग ऐसा नहीं होने देंगे।

न्यायालय के आदेशों की खुली अवहेलना

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि न्यायालय परिसर में डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा लगाई जाए। लेकिन आदेशों की अवहेलना करते हुए स्थानीय प्रशासन और कुछ संगठनों द्वारा इस प्रक्रिया को बार-बार रोका जा रहा है। यहां तक कि प्रतिमा को परिसर में ले जाने की कोशिश के दौरान धमकियाँ दी गईं कि “प्रतिमा ही नहीं बचेगी”। यह केवल न्यायपालिका की अवमानना नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों पर सीधा प्रहार है।

पिछले कुछ दिनों में ग्वालियर में बाबा साहेब के अनुयायियों और एक अन्य पक्ष के बीच कई बार तनाव और टकराव की स्थिति बनी। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच कहासुनी से लेकर आपसी झड़पों और मारपीट तक के मामले पुलिस में दर्ज हुए हैं। बावजूद इसके, प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। बहुजन समाज इसे प्रशासन की लापरवाही और पुलिस की निष्क्रियता मान रहा है।

सत्याग्रह मार्च की रणनीति

एससी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अहिरवार ने बताया कि यह सत्याग्रह मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और इसमें प्रदेशभर से सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र, बुद्धिजीवी, वकील और संविधान प्रेमी लोग शामिल होंगे। मार्च की तारीख और मार्ग की घोषणा जल्द की जाएगी। इसका उद्देश्य सिर्फ प्रतिमा स्थापना की मांग नहीं, बल्कि बाबा साहेब के विचारों की रक्षा करना और आम जनता को संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।उन्होंने कहा, “यह आंदोलन केवल एक मूर्ति का नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा को बचाने का है।”

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