नई दिल्ली। संविधान दिवस के अवसर पर पत्रकार और 'द मूकनायक' की एडिटर इन चीफ मीना कोटवाल को हैदराबाद में 'She The People' द्वारा 'डिजिटल वूमेन अवार्ड्स' से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। मीना कोटवाल ने अपने मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से वंचित, शोषित और हाशिए पर खड़े समाज की आवाज़ को बुलंद किया है, जिससे इन समुदायों के अधिकारों और समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
मंच से अपने विचार साझा करते हुए मीना कोटवाल ने समाज में महिलाओं की भूमिका और उनकी लीडरशिप में हिस्सेदारी पर बात की। उन्होंने कहा कि, आज भी नेतृत्व के क्षेत्रों में महिलाओं की उपस्थिति बेहद कम है, जो हमारे समाज के संतुलन और प्रगति के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने विशेष रूप से मीडिया क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की और बताया कि महिलाओं की भागीदारी कितनी सीमित है।
साल 2020 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में महिलाओं की हिस्सेदारी मात्र 20 प्रतिशत है। यह आंकड़ा चिंताजनक है, क्योंकि महिलाएं देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं को समान अवसर नहीं मिलते, तो समाज की वास्तविक प्रगति अधूरी रह जाती है।
मीना कोटवाल ने अपने विचारों में सावित्रीबाई फुले का विशेष उल्लेख किया और उन्हें भारतीय समाज में बदलाव की सबसे बड़ी प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका थीं, जिन्होंने न केवल महिलाओं के लिए स्कूल खोला, बल्कि समाज में शिक्षा का महत्व स्थापित किया।
उनके योगदान को याद करते हुए मीना कोटवाल ने कहा कि आज अगर महिलाएं मंच पर आकर अपनी बात रख पा रही हैं, तो इसका श्रेय सावित्रीबाई फुले जैसे नायकों को जाता है, जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के लिए संघर्ष किया।