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MP: बागेश्वर धाम में 6 महीने से रुकी थीं 13 महिलाएं, सेवादारों पर बाल पकड़कर जबरन एम्बुलेंस में बैठाकर स्टेशन भेजने का आरोप!

भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सोमवार रात लवकुशनगर थाना क्षेत्र में डायल 100 को सूचना मिली कि एक एम्बुलेंस में संदिग्ध तरीके से 13 महिलाओं को ले जाया जा रहा है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पठा चौकी क्षेत्र में एम्बुलेंस को रोका और महिलाओं को थाने लाकर पूछताछ शुरू की। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वीडियो में महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप

वीडियो में एम्बुलेंस ड्राइवर यह स्वीकार करता दिखाई दे रहा है कि पन्ना निवासी एक सेवादार कल्लू दादा ने उसे महोबा रेलवे स्टेशन तक महिलाओं को छोड़ने को कहा था। वहीं, एम्बुलेंस में बैठी महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें जबरन बाल पकड़कर एम्बुलेंस में बिठाया गया। महिलाओं के मुताबिक, बागेश्वर धाम की सेवादार मिनी ने उन्हें धमकाया कि अगर वे नहीं जाएंगी तो "काटकर फेंक देंगे"।

एक युवती ने रोते हुए बताया कि वह बागेश्वर धाम में रह रही थी क्योंकि उसके परिवार वाले उसे परेशान करते थे। अब उसे यह भी नहीं पता कि उसे कहां ले जाया जा रहा है।

महिलाओं पर चोरी और चेन स्नैचिंग के आरोप

लवकुशनगर थाना प्रभारी (टीआई) अजय अंबे ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि ये महिलाएं पिछले छह महीनों से बागेश्वर धाम में रुकी हुई थीं। उन पर धाम परिसर में चोरी, चेन स्नैचिंग और अन्य अप्रिय गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे। हालांकि, प्रारंभिक पूछताछ के बाद सभी महिलाओं को छोड़ दिया गया है।

धाम में बढ़ती चोरी के कारण उठाया गया कदम

बागेश्वर धाम के सेवादार और रिटायर्ड शिक्षक कुंज बिहारी ने बताया कि धाम में लगातार चोरियों की घटनाएं सामने आ रही थीं। ऐसे में करीब 70-80 लोगों पर नजर रखी जा रही थी। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले एक मीटिंग में इन महिलाओं को समझाया गया था कि "गुरुजी विदेश में हैं, आप लोग अपने घर लौट जाएं।" बावजूद इसके जब वे नहीं गईं, तो उन्हें एम्बुलेंस सहित अन्य वाहनों से रेलवे स्टेशन भेजा जा रहा था।

एम्बुलेंस बागेश्वर धाम समिति की है: पुलिस

लवकुशनगर एसडीओपी नवीन दुबे ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एम्बुलेंस बागेश्वर धाम समिति की है, जिससे सेवादार महिलाओं और पुरुषों को महोबा रेलवे स्टेशन छोड़ने जा रहे थे। रात करीब 9 बजे डायल 100 को सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।

महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद यह मामला केवल प्रशासनिक या सुरक्षा का नहीं, बल्कि मानवाधिकार उल्लंघन का भी बन गया है। फिलहाल पुलिस ने महिलाओं को सुरक्षित उनके परिजनों के हवाले कर दिया है और मामले की जांच जारी है। वीडियो, बयान और अन्य सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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