नई दिल्ली: दलित समाज के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है — गुजरात की डॉ. मोनाली महेदिया ने इतिहास रचते हुए अमेरिका के इंटीग्रेटेड प्लास्टिक सर्जरी रेजीडेंसी प्रोग्राम में चयन पाकर पहली दलित महिला बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह रेजीडेंसी प्रोग्राम चिकित्सा जगत के सबसे प्रतिस्पर्धात्मक और कठिन कार्यक्रमों में से एक माना जाता है।
हर साल अमेरिका में केवल लगभग 200 नए प्लास्टिक सर्जन प्रशिक्षित होते हैं। इनमें से सिर्फ 1 से 5 सीटें अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दी जाती हैं, जो कुल चयन का केवल 0.5% से 2.5% हिस्सा होती हैं। डॉ. महेदिया ने न सिर्फ इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की, बल्कि उन्हें सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश भी मिला है, जिससे वे आगामी 5 वर्षों में प्लास्टिक सर्जन बन जाएंगी।
गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली डॉ. महेदिया ने बी.जे. मेडिकल कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की। वे न केवल पहली दलित हैं जिन्हें इस विशिष्ट प्रोग्राम में स्थान मिला है, बल्कि अपने कॉलेज की पहली छात्रा भी हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। यह उनके संघर्ष, दृढ़ता और शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रतीक है।
अपने अनुभव साझा करते हुए डॉ. महेदिया ने कहा:
डॉ. महेदिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, मार्गदर्शकों, मित्रों और समुदाय से मिले निःस्वार्थ सहयोग को दिया। उन्होंने यह आशा जताई कि उनकी कहानी देश और दुनिया के अन्य दलित युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देगी।
उनकी यह ऐतिहासिक सफलता सिर्फ एक व्यक्तिगत विजय नहीं है, बल्कि यह पूरे समुदाय के लिए आशा और गर्व का प्रतीक है — यह साबित करता है कि संकल्प, समर्थन और शिक्षा की ताकत से कोई भी सपना दूर नहीं।