MP: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को ‘देश-विरोधी’ कहने पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी

06:15 PM Feb 10, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के खिलाफ देश-विरोधी ताकतों से जुड़े होने और विदेशी फंडिंग लेने के आरोप लगाने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक नए विवाद में घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री ने आदिवासी समाज की राजनीति और धार्मिक मान्यताओं पर टिप्पणी करते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को राम-विरोधी बताया। अब जीजीपी के नेताओं ने उनके इस बयान को संविधान विरोधी बताते हुए कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

एक वायरल वीडियो, जो 4 मिनट 38 सेकंड का बताया जा रहा है, उसमें धीरेंद्र शास्त्री एक आदिवासी महिला से बातचीत कर रहे हैं। महिला खुद को मंडला जिले की निवासी कमला मरावी बताती है और कहती है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और राम-राम नाम की कुछ पार्टियां भगवान राम को नहीं मानती और रामायण जला चुकी हैं।

महिला के इस कथन पर धीरेंद्र शास्त्री जवाब देते हुए कहते हैं:

"गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जो इस तरह का काम कर रही है, उसके पीछे देश-विरोधी ताकतें हैं, जो राम-विरोधी हैं। वे लोग पैसे देकर समाज को बहका रहे हैं और रामचरितमानस को हटवा रहे हैं।" धीरेंद्र ने आदिवासी समाज से अपील करते हुए कहा कि हिंदू संगठनों को गांव-गांव जाकर लोगों को रामचरितमानस पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए और जो ऐसा नहीं करते, उनसे दूरी बना लेनी चाहिए।

वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री यह भी कहते नजर आ रहे हैं, "अगर हमें हिंदू धर्म बचाना है तो सिर्फ तिलक लगाकर या हिंदू-हिंदू कहकर कुछ नहीं होगा। हमें गांव-गांव जाकर रामचरितमानस का पाठ करना होगा और आदिवासी समाज को समझाना होगा कि उनके पूर्वज भी रामजी की पूजा करते थे।"

इसके अलावा, महिला ने यह भी बताया कि गौंड समाज के लोग पंडितों से कथा नहीं करवाते और खुद ही पूजा-पाठ का आयोजन करते हैं। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "तुम्हारे जैसी 20 माताएं मिल जाएं तो इनकी ठठरी बंध जाएगी।"

यह बयान सामने आने के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे संविधान विरोधी करार दिया।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का पलटवार

GGP के वरिष्ठ नेता राधेश्याम काकोड़िया ने धीरेंद्र शास्त्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "संविधान किसी को जबरन किसी पूजा-पद्धति को मानने के लिए बाध्य नहीं करता। धीरेंद्र शास्त्री आदिवासी समाज की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला कर रहे हैं। उनकी सोच संविधान विरोधी है और उन्होंने हमारे समाज को आहत किया है।"

उन्होंने कहा कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पिछले 32 वर्षों से जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रही है, और यह आरोप लगाना कि पार्टी को विदेशी ताकतों से फंडिंग मिलती है, सरासर गलत और भ्रामक है। काकोड़िया ने आगे कहा, "धीरेंद्र शास्त्री ढोंगी बाबा हैं। ना वे संविधान जानते हैं और ना ही भारत की अखंडता को समझते हैं। उनकी विचारधारा विभाजनकारी है। हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।"

संविधान क्या कहता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार, हर नागरिक को किसी भी धर्म को मानने, उसका पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता है। अनुच्छेद 29 और 30 के तहत आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने का अधिकार दिया गया है। संविधानविदों का मानना है कि किसी भी समुदाय को जबरन किसी धार्मिक ग्रंथ को मानने के लिए बाध्य करना, संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है।

आदिवासी समाज में आक्रोश

मध्य प्रदेश के मंडला, डिंडोरी और सिवनी जिलों में आदिवासी समुदायों के कई संगठनों ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर आपत्ति जताई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान को आदिवासी समाज की धार्मिक परंपराओं पर हमला करार दिया है। उन्होंने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि यह बयान समाज की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश है। जीजीपी ने राज्यभर में जिला पुलिस अधीक्षकों को ज्ञापन सौंपकर धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पोर्ते ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज अपनी पारंपरिक पूजा-पद्धति का अनुसरण करता है, जो उसका संवैधानिक अधिकार है। धीरेंद्र शास्त्री को हमारे धार्मिक विश्वासों और बड़े देव के बारे में कोई जानकारी नहीं है। "कोई बाबा हमें यह नहीं सिखा सकता कि हमें क्या पूजना चाहिए और क्या नहीं."

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

GGP ने इस पूरे मामले पर कानूनी सलाह लेने के बाद धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मानहानि और धार्मिक उन्माद भड़काने का मुकदमा दर्ज कराने की योजना बनाई है। वे जल्द ही राज्य सरकार और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करेंगे। आगामी 16 फरवरी को इस मामले में जीजीपी मंडला जिले में बड़ा प्रदर्शन कर सकता है।