भोपाल। मध्य प्रदेश के देवास जिले से एक बेहद दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र उदयनगर के धोबघट्टा गांव में एक ही परिवार के चार लोगों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस हृदयविदारक घटना में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक युवती गंभीर अवस्था में इंदौर के अस्पताल में ज़िंदगी से संघर्ष कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
घटना उदयनगर थाना क्षेत्र के धोबघट्टा गांव की है। पुलिस के मुताबिक, 50 वर्षीय राधेश्याम, उसकी पत्नी रघु बाई, बेटी आशा और एक अन्य बेटी ने शनिवार देर रात जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। इन सभी को गंभीर हालत में देवास से इंदौर रेफर किया गया था। लेकिन इलाज के दौरान राधेश्याम की मौत 22-23 जून की दरम्यानी रात हो गई, जबकि पत्नी और एक बेटी की सोमवार दोपहर मौत हो गई।
घटना की जानकारी तब सामने आई जब राधेश्याम की 70 वर्षीय मां बदी बाई किसी तरह गांववालों को खबर देने के लिए खेत से भागी। गांव वालों ने तत्काल सभी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
एक बेटी अब भी गंभीर हालत में
एडिशनल एसपी एचएस बाथम ने जानकारी देते हुए बताया कि परिवार के चार सदस्यों में से एक बेटी अभी जीवित है और उसका इलाज इंदौर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। घटना की सूचना पुलिस को सोमवार को प्राप्त हुई थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई।
क्या थी आत्महत्या की वजह?
पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन प्रारंभिक जांच और परिवार के रिश्तेदारों के बयान कुछ संकेत जरूर देते हैं। मृतक राधेश्याम की मां बदी बाई ने बताया कि बेटा कुछ दिनों से बेहद परेशान था और शनिवार रात वह पूरे परिवार को खेत पर लेकर गया। वहीं पर सभी ने मिलकर जहरीले पदार्थ का सेवन किया।
राधेश्याम के एक रिश्तेदार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि राधेश्याम घरेलू विवाद को लेकर मानसिक रूप से परेशान था। उन्होंने फोन पर कई बार उसे समझाने की कोशिश भी की, लेकिन शायद बात नहीं बनी।
पोस्टमॉर्टम के बाद सौंपे गए शव
एडिशनल एसपी ने बताया कि सोमवार को राधेश्याम की पत्नी और बेटी का पोस्टमॉर्टम किया गया, जिसके बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है, ताकि आत्महत्या के पीछे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।
गांव में पसरा मातम, उठ रहे कई सवाल
इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। एक साथ तीन लोगों की मौत और एक बेटी की गंभीर हालत ने न सिर्फ गांव बल्कि पूरे जिले को हिला दिया है। गांव के लोग अब भी समझ नहीं पा रहे कि राधेश्याम ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।