'तेरे को जितने दिन शव रखना है रख ले..', पुलिस हिरासत में मौत पर कार्रवाई की मांग की तो सीओ ने दिखाई आंख

03:11 PM Jan 08, 2025 | Rajan Chaudhary

उत्तर प्रदेश: लखीमपुर खीरी जिले में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में पीड़ित के घर पहुंची पुलिस का रौब दिखाने वाली वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. वीडियो में पुलिस अधिकारी मृतक के भाई को हड़काते हुए दिखाई दे रहें हैं. इस वीडियो पर कई विपक्षी नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

मामले को लेकर, मंगलवार की दोपहर को पोस्टमार्टम हाउस से गांव तक खूब हंगामा होता दिखाई दिया. मृत व्यक्ति के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने युवक को पीटा, शव को लावारिश की तरह अस्पताल में छोड़ दिया और परिजनों से शव छीन ले गई. मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने प्रदर्शन करने वालों को लाठियां भांजकर वहां से हटाया.

हुलासी पुरवा निवासी रामचंद्र (36) सोमवार को गांव से 6 किलोमीटर दूर लाल बोझी गांव के पास के जंगल में लकड़ी बीनने गया था। आरोप है कि निघासन और मझगईं थाने की पुलिस ने वहां पहुंचकर रामचंद्र को अवैध शराब बनाने के आरोप में पकड़ लिया। मझगईं थाने लाकर उसकी जमकर पिटाई की। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निघासन में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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सूचना मिलने के बाद परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पुलिस से शव छीनने की कोशिश की। शव नहीं मिला तो जमकर हंगामा किया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए शव को जिला मुख्यालय भेजा। पोस्टमॉर्टम के बाद मंगलवार शाम युवक का शव घर पहुंचा। पुलिस का दावा है कि युवक भागते समय गिरकर बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

दौनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मामले को लेकर दूसरे दिन, बुधवार को पुलिस ने बम्हनपुर चौराहे का रास्ता ब्लाक किया तो हालात तनावपूर्ण हो गए। लोगों की भीड़ जमा हो गई। कुछ लोग पुलिस की गाड़ी हटाने के लिए ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़े तो मझगईं थाना प्रभारी दया शंकर द्विवेदी गुस्सा हो गए। उन्होंने कहा, "अगर असल बाप के हो ट्रैक्टर आगे बढ़ाओ। ट्रैक्टर को कनस्टर के भाव बिकवा दूंगा। जानता नहीं है मुझे। बहुत बड़े सूरमा हो तो गाड़ी में टक्कर मारो।"

थाना प्रभारी बोले, "थाने ले जाकर तुम्हारे ऊपर धारा 307 लगाउंगा। तुम मुझे मारने का प्रयास कर रहे थे। मेरे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का मुकदमा लिखूंगा। किसी को नहीं छोड़ूंगा। ये लोग मुझे मारना चाहते थे। इन लोगों ने पुलिस का खिलवाड़ बना दिया है।"

परिजन आरोपी पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। मृतक के भाई दिनेश ने कहा, "उनके ऊपर जितने फर्जी केस लगाए गए हैं, उनको खत्म किया जाए, परिवार को 30 लाख का मुआवजा मिले। निघासन और मझगईं थाने के थाना प्रभारी को सस्पेंड किया जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।"

परिजनों की मांग पर धौरहरा के सीओ पीपी सिंह बोले, "तेरे को जितने दिन शव रखना है रख ले, कोई भी मांग पूरी नहीं होगी। न मझगईं थाना सस्पेंड होगा, न ही निघासन थाना सस्पेंड होगा. मुआवजा भी नहीं मिलेगा." यह कहते हुए पुलिसकर्मी सहित सभी अधिकारी पीड़ित के घर से बाहर जाने लगे.

वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिख कि, "भाजपा ह्रदयहीन पार्टी है."

दूसरी तरफ, नगीना से सांसद व आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने एक्स पर लिखा कि, "उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के निघासन क्षेत्र स्थित मझगई थाने में पुलिस हिरासत में रामचंद्र मौर्य की मृत्यु अत्यंत दुखद और गंभीर चिंता का विषय है। परिजनों के अनुसार, पुलिस ने बिना पंचनामा किए शव को परिवार से जबरन छीन लिया, जो भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। यह कार्य न केवल कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाता है, बल्कि मानवाधिकारों का खुला हनन भी है।"

उन्होंने आगे लिखा कि, "उत्तर प्रदेश सरकार को इस घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी है। समाज में कानून का शासन और कमजोर वर्गों का विश्वास बनाए रखना अत्यावश्यक है।"