मणिपुर में सीएम के इस्तीफे के बाद सुधारों की मांग, वेसन हाई स्कूल स्टूडेंट्स फोरम ने जारी किया खुला पत्र

03:50 PM Feb 12, 2025 | The Mooknayak

इंफाल– वेसन हाई स्कूल स्टूडेंट्स फोरम (WHSF) ने मणिपुर में हाल ही में मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्य में व्यापक सुधारों की मांग की है। फोरम ने एक खुला पत्र जारी किया, जिसमें न्याय, सुलह और प्रशासनिक सुधारों की जरूरत पर ज़ोर दिया गया है। WHSF के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में राज्य में हुई जातीय हिंसा, प्रशासनिक असफलताओं और सरकारी नाकामी के कारण समाजिक ताना-बाना पूरी तरह से बिखर चुका है।

WHSF के पत्र में बीते प्रशासन के कार्यकाल को राज्य के लिए ‘पूर्ण विफलता’ करार दिया गया है। फोरम ने कहा कि निष्पक्ष कानून व्यवस्था की कमी, पक्षपातपूर्ण नीतियां और प्रभावी संघर्ष समाधान की अनुपस्थिति ने मणिपुर में जातीय तनाव को बढ़ावा दिया। इस हिंसा के चलते 250 से अधिक लोगों की मौत हुई और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए।

पत्र में कहा गया है, "राज्य सरकार ने दीर्घकालिक स्थिरता की अनदेखी कर, तात्कालिक राजनीतिक लाभ को प्राथमिकता दी, जिससे मैतेई, कुकी और नागा समुदायों के बीच दरार और गहरी हो गई।"

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मुख्य मांगें और सुधार के सुझाव

WHSF ने नए प्रशासन से कई अहम सुधार लागू करने की मांग की है:

  1. सत्य एवं सुलह आयोग (Truth and Reconciliation Commission) – एक स्वतंत्र आयोग का गठन किया जाए, जो हिंसा के कारणों, मानवाधिकार उल्लंघनों और राज्य की संलिप्तता की जांच करे। इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और उसकी सिफारिशों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

  2. पूर्व सरकार की न्यायिक जांच – पूर्व सरकार की विफलताओं, संसाधनों की बर्बादी और जातीय हिंसा में कथित संलिप्तता की न्यायिक जांच हो। दोषियों के खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाए ताकि कानून के प्रति विश्वास बहाल हो।

  3. विस्थापित लोगों का पुनर्वास – हिंसा के कारण विस्थापित हुए हजारों लोगों के लिए सुरक्षित पुनर्वास योजना लागू की जाए। इसमें आर्थिक सहायता, मनोवैज्ञानिक उपचार और सुरक्षा व्यवस्था शामिल होनी चाहिए ताकि कोई भी प्रतिशोधी हिंसा न हो।

  4. आर्थिक और न्यायिक सुधार – राज्य में आर्थिक असमानता और जातीय तनाव को दूर करने के लिए रोजगार योजनाएं, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा और न्यायपालिका में सुधार किए जाएं। WHSF ने भ्रष्टाचार विरोधी कदमों और सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व वाली पुलिस भर्ती नीति की भी मांग की।

  5. शिक्षा और राजनीतिक समावेश – शिक्षा को शांति निर्माण का माध्यम बनाया जाए। इतिहास को निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत करने वाला पाठ्यक्रम तैयार किया जाए और अंतर-समुदाय संवाद एवं युवा नेतृत्व वाले मंचों को बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही संवैधानिक और प्रशासनिक सुधार किए जाएं ताकि राजनीतिक संतुलन सुनिश्चित हो सके।

युवा वर्ग का दृढ़ संकल्प

WHSF ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इन मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, तो मणिपुर भविष्य में अस्थिरता और हिंसा के दुष्चक्र में फंसा रहेगा।

पत्र में कहा गया है, "हम एक विभाजित और हिंसा से भरा भविष्य स्वीकार नहीं करेंगे। नए मुख्यमंत्री को न्याय-आधारित शासन प्रणाली अपनानी होगी ताकि मणिपुर में स्थायी शांति स्थापित हो सके।"

WHSF के इस कड़े संदेश के बाद अब नज़रें नए प्रशासन पर टिकी हैं कि क्या ये मांगें सिर्फ कागज़ों तक सीमित रहेंगी या इन पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।