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MP के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का सरकार पर हमला, बोले- भाजपा सरकार सो रही है, विधानसभा में उठाएंगे जनता के मुद्दे

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार मंगलवार को बीना पहुंचे और मीडिया से संवाद करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश की मौजूदा स्थिति, किसानों की समस्याओं, युवाओं के रोजगार और विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की।

बीना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार जनता की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है और तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाती जब तक जनता का भारी दबाव नहीं बनता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "सरकार पूरे साल कुम्भकर्णीय नींद में रहती है और जब उसे जगाया जाता है, तभी वह जागती है। अब पूरे सत्र का अंत आ गया तब जाकर सरकार ने स्कूटी वितरण की योजना लागू की। हमने खुद 2 स्कूटी देकर इसकी शुरुआत की थी, लेकिन अभी तक सरकार ने केवल 50 बच्चों को स्कूटी दी है, बाकी बच्चों को सिर्फ प्रमाण पत्र थमा दिए हैं। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि बाकी बच्चों को योजना का लाभ कब मिलेगा?"

उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार पर चुनावी वादों को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए किसानों और महिलाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे, लेकिन वे वादे अभी तक अधूरे हैं। "चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों को धान के 3100 रुपये और गेहूं के 2700 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था, लेकिन आज भी किसान अपनी उपज का उचित मूल्य पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसी तरह, लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को 3000 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ। भाजपा की कथनी और करनी में फर्क साफ नजर आता है।"

सिंघार ने यह भी कहा कि सरकार इन्वेस्टर मीट जैसे बड़े आयोजन तो करती है, लेकिन प्रदेश में निवेश का कोई ठोस असर नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री अपनी दुकानें चला रहे हैं, जबकि आम जनता महंगाई, बेरोजगारी और अन्य समस्याओं से परेशान है।

MPPSC में हो रही धांधली, इंटरव्यू प्रणाली समाप्त हो: सिंघार

प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर उमंग सिंघार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि MPPSC की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। "ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां परीक्षार्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में पास होते हैं, लेकिन इंटरव्यू में फेल कर दिए जाते हैं। भाजपा सरकार चाहती है कि केवल उनके विचारधारा से जुड़े लोग ही महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे। इसलिए इंटरव्यू की प्रणाली को प्रदेश में समाप्त किया जाना चाहिए।"

बीना में सिर्फ घोषणाएं, बजट नहीं

बीना में स्थानीय रोजगार और औद्योगिक परियोजनाओं को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीना रिफाइनरी के भीतर स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा और युवा पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं।

"मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीना में कई घोषणाएं की हैं, लेकिन उनके लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया गया। भाजपा सरकार सिर्फ घोषणाएं करने और अपनी ब्रांडिंग में व्यस्त है, जबकि प्रदेश की वास्तविक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।" उन्होंने प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का भी जिक्र किया और कहा कि चारों तरफ गुंडागर्दी बढ़ रही है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भी घेरा और कहा कि अगर मौजूदा अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं तो फील्ड में नए अधिकारियों को लाया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेताओं पर फर्जी केस का मामला विधानसभा में उठाएंगे नेता प्रतिपक्ष

उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कांग्रेस नेताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस दमनकारी नीति के खिलाफ कांग्रेस विधानसभा में लड़ाई लड़ेगी। "भाजपा सरकार अपनी सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है। लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और विधानसभा से लेकर सड़कों तक इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।"

निर्मला सप्रे मामला: विधानसभा अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल

निर्मला सप्रे प्रकरण पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण कांग्रेस को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। उन्होंने कहा, "हमारी याचिका हाईकोर्ट में लंबित है और हमें उम्मीद है कि इस पर जल्द फैसला आएगा।"

सौरभ शर्मा मामला: "बड़े मगरमच्छों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?"

नेता प्रतिपक्ष ने सौरभ शर्मा मामले को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए। "सौरभ शर्मा तो एक छोटा प्यादा है, असली खेल तो उसके पीछे के बड़े मगरमच्छों का है। सरकार बड़े लोगों को बचाने में लगी है। सवाल ये है कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले में क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? क्या उन्हें डर है कि उनके हाथ जल जाएंगे? अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो हम इस मामले में बड़ा खुलासा करेंगे।"

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