The Mooknayak Impact: धूमधाम से निकली दलित दूल्हे की बिंदौली, पुलिस सुरक्षा के साथ परिवार को भीम आर्मी का भी रहा संबल

01:09 PM May 04, 2025 | Geetha Sunil Pillai

राजसमंद- राजसमंद जिले के चारभुजा थाना क्षेत्र के टाड़ावाड़ा गुजरान गाँव में एक दलित परिवार ने अपने बेटे की बिन्दौली शनिवार, 3 मई को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली।

यह घटना तब सुर्खियों में आई जब द मूकनायक ने 2 मई को सबसे पहले इस मामले की खबर "राजस्थान के इस गाँव में 2022 में मेघवाल समाज ने निकाली थी बिन्दौली तो सवर्णों ने कर दिया बहिष्कृत,अब फिर से होने वाला ब्याह तो सताने लगा डर!" टाइटल से प्रकाशित की, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की।

दूल्हे दिनेश मेघवाल के भाई सुरेश मेघवाल ने द मूकनायक को अपनी आशंकाओं के बारे में बताया था। उन्होंने कहा, “हमें 2022 से गाँव में बहिष्कृत किया गया है। मेरे भाई के विवाह को लेकर मुझे डर है कि कहीं असामाजिक तत्व व्यवधान न डालें। गाँव का माहौल अभी भी तनावपूर्ण है, और हम अपने मेहमानों व परिवार की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं ले सकते।” सुरेश ने 2022 की एक घटना का हवाला दिया, जब मेघवाल समाज की एक बिन्दौली में सवर्णों ने विघ्न डाला था, जिसके बाद से समुदाय को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है।

द मूकनायक की रिपोर्ट के बाद, एनसीएससी ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और राजसमंद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनीष त्रिपाठी को पत्र लिखकर बिन्दौली के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आयोग ने 15 दिनों के भीतर इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी। निर्देशों का पालन करते हुए, एसपी त्रिपाठी ने शनिवार को गाँव में एक सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के नेतृत्व में करीब 170 पुलिसकर्मियों को तैनात किया। स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।

बिन्दौली का आयोजन 3 मई को दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक हुआ, जिसमें दूल्हा घोड़े पर सवार होकर गाँव के मुख्य चौराहे, चारभुजानाथ मंदिर और अन्य स्थानों से होकर गुजरा। विवाह समारोह रविवार, 4 मई को होना है। सुरेश मेघवाल ने बताया "बिन्दौली शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। रविवार को बारात जाएगी जिसके लिए भी हमने पुलिस सुरक्षा मांगी है ”

राजसमंद एसपी त्रिपाठी ने शनिवार को गाँव में एक सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के नेतृत्व में करीब 170 पुलिसकर्मियों को तैनात किया।

इस समारोह में दूल्हे के परिजनों ने भीम आर्मी को भी आमंत्रित किया था, जो बिन्दौली में शामिल हुई और समुदाय को समर्थन प्रदान किया। पुलिस ने पूरे समय कड़ा पहरा रखा, जिसके चलते किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई।

यह घटना मध्यप्रदेश में एक दलित दूल्हे पर घुड़चढ़ी के दौरान हुए हमले की घटना के ठीक एक हफ्ते बाद सामने आई है। द मूकनायक की खबर और एनसीएससी की त्वरित कार्रवाई ने राजसमंद में समय रहते स्थिति को संभालने में अहम भूमिका निभाई, जो जातिगत भेदभाव से जूझ रहे समुदायों के लिए मीडिया और संस्थागत समर्थन की अहमियत को दर्शाता है।