रामेश्वरम। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों की गिरफ्तारी के बाद उनकी रिहाई के लिए तमिलनाडु के रामेश्वरम में प्रदर्शन जारी है। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए 32 मछुआरों और 5 मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर की छोड़ने की मांग को लेकर रामेश्वरम के मछुआरों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी।
दरअसल, भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर समुद्री सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें मन्नार कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
दूसरी तरफ मछुआरों की रिहाई के लिए रामेश्वरम में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है। रामेश्वरम के फिशरमैन एसोसिएशन के अध्यक्ष सागायम ने कहा, "रामेश्वरम के मछुआरों ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़े गए 32 मछुआरों और 5 ट्रॉलर को छोड़ने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल से 5,000 से अधिक मछुआरे प्रभावित हो रहे हैं, जिससे प्रतिदिन 1 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।"
पिछले दिनों कराईकल के मछुआरों ने 500 से अधिक मछली पकड़ने वाली नावों से राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, इसके बजाय उन्होंने काले झंडे फहरा दिए थे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में काले झंडे लगाए थे।
27 जनवरी को तमिलनाडु के कोडियाकराई के पास स्थित कराईकल से 20 से अधिक मछुआरे एक मोटरबोट में मछली पकड़ने के लिए समुद्र में निकले थे। इसी दौरान उन्हें श्रीलंकाई नौसेना की दो गश्ती नौकाओं ने घेर लिया, जिसके बाद मछुआरे भाग गए, लेकिन एक मोटरबोट श्रीलंकाई नौसेना के हाथ लग गई। जब मछुआरे घबराकर भागने लगे, तो उन पर फायरिंग की गई। इसमें दो मछुआरे गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें सेंथामिज और बाबू शामिल थे।
(With inputs from IANS)