प्रयागराज – प्रयागराज के ट्रांस यमुना क्षेत्र में 15 मई को एक तीन साल के मासूम नर्सरी छात्र की कथित रूप से बार-बार थप्पड़ मारने से हुई मौत के मामले में पुलिस ने बुधवार को दो महिला शिक्षिकाओं को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार की गई शिक्षिकाओं की पहचान आरती जायसवाल (40) और शिवांगी जायसवाल (25) के रूप में हुई है। दोनों नैनी के महेवा पश्चिम पट्टी इलाके की निवासी हैं। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो कि हत्या न होकर हत्या की श्रेणी में आने वाले अपराध (culpable homicide not amounting to murder) को दर्शाता है।
डीसीपी (यमुनानगर) विवेक यादव ने बताया कि दोनों शिक्षिकाओं को एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट रोड के पास से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे शहर छोड़कर भागने की योजना बना रही थीं।
क्या हुआ था घटना के दिन?
पूछताछ के दौरान आरती ने कबूला कि वह उस समय कक्षा 7 को पढ़ा रही थी, जब शिवांगी ने उसे कक्षा में बुलाया। आरती जब वहां पहुंची, तो उसने देखा कि शिवाय नामक नर्सरी छात्र अपने बड़े भाई सुमित जायसवाल के साथ रो रहा था, जबकि शिवांगी उसे बार-बार थप्पड़ मार रही थी।
जब आरती ने शिवांगी से पूछा कि वह बच्चे को क्यों पीट रही है, तो शिवांगी ने कहा कि शिवाय ने उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इसके बाद, आरती ने भी गुस्से में आकर बच्चे को थप्पड़ मार दिया।
पुलिस के अनुसार, शिवाय का बड़ा भाई दोनों शिक्षिकाओं को रोकने की कोशिश करता रहा, लेकिन वे नहीं रुकीं और लगातार थप्पड़ मारती रहीं। लगभग 10 मिनट बाद शिवाय बेंच से गिर गया और उसका भाई भी रोने लगा। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और वह पानी मांगने लगा। तब जाकर शिक्षिकाओं ने परिजनों को फोन किया।
शिवांगी ने पुलिस को बताया कि वह नाराज़ थी क्योंकि शिवाय और उसका भाई कक्षा में शोर मचा रहे थे। जब शिवाय ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा, तब उसने आरती को बुलाया, जिसने भी बच्चे को थप्पड़ मारा।
परिजनों का आरोप और मेडिकल रिपोर्ट
शिवाय के परिजनों ने आरोप लगाया है कि शिक्षिकाओं ने बच्चे के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से दुर्व्यवहार किया। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षिकाएं समय रहते बच्चे को न तो पानी दीं और न ही कोई देखभाल की।
परिजनों के अनुसार, स्कूल प्रशासन ने बच्चे के पिता वीरेंद्र जायसवाल को फोन कर बताया कि उनका बेटा बीमार है। वह तुरंत स्कूल पहुंचे और बच्चे को एसएन चिल्ड्रन हॉस्पिटल और फिर एसआरएन हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जो दो डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई, में बच्चे के भौंह और जीभ पर चोट के निशान पाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि बच्चे का विसरा संरक्षित कर लिया गया है, ताकि आगे की जांच की जा सके।
इस घटना ने शहर भर में आक्रोश फैला दिया है और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।