ओडिशा: बेटी ने दलित युवक से शादी की तो परिजनों को मिली सज़ा — समाज में वापस आने के लिए 'शुद्धिकरण रस्म', मुंडवाना पड़ा सिर

11:28 AM Jun 22, 2025 | Geetha Sunil Pillai

रायगढ़ा- ओडिशा के रायगढ़ा जिले के काशीपुर ब्लॉक स्थित बैगानगुडा गाँव में जातीय कट्टरता का एक ऐसा मामला सामने आया है, जो साबित करता है कि आज भी राज्य के कई हिस्सों में जाति का बंधन इतना हावी है कि पंचायतें अंतर-जातीय विवाह को अपराध मानती हैं और इसके लिए क्रूर सजा सुनाती हैं।

यहाँ एक आदिवासी परिवार के 40 सदस्यों को जबरन सिर मुंडवाना पड़ा, क्योंकि उनकी बेटी ने अपनी मर्जी से एक दलित युवक से शादी कर ली। गाँव वालों ने इस शादी को अपमान समझा और परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया। उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर वे समाज में वापस आना चाहते हैं, तो उन्हें एक 'शुद्धिकरण रस्म' से गुजरना होगा। दबाव में आकर परिवार को पहले एक जानवर की बलि देनी पड़ी और फिर सभी 40 सदस्यों के सिर मुंडवाने पड़े। यह घटना न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे आज भी ग्रामीण इलाकों में पंचायतों का फरमान कानून से ऊपर चलता है।

सामूहिक मुंडन का वीडियो वायरल होने के बाद घटना की जानकारी प्रशासन को हुई।इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने जाँच शुरू की है। काशीपुर ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) विजय सोय ने गाँव में एक अधिकारी भेजकर पूरे मामले की तहकीकात का आदेश दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे परिवार के लोग खेत में बैठे हैं और उनके सिर मुंडे हुए हैं।

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हालाँकि, सवाल यह है कि क्या सिर्फ जाँच करवा लेने से ऐसी मानसिकता बदल जाएगी? क्योंकि ओडिशा में यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले बरगढ़ जिले में एक व्यक्ति को मरने के बाद अंतिम संस्कार तक का अधिकार नहीं दिया गया था, क्योंकि उसने दूसरी जाति में शादी की थी। वहीं, 2019 में मयूरभंज जिले में एक युगल को गाँव वालों ने सिर मुंडवाकर सड़कों पर घुमाया था। लड़का लडकी एक दुसरे से प्रेम करते थे और दोनों अलग अलग जातियों से थे।

दिलचस्प बात यह है कि ओडिशा सरकार अंतर-जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी देती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज भी ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। सवाल यह उठता है कि क्या कानून और सरकारी योजनाएँ समाज की रूढ़िवादी सोच को बदल पाएँगी? या फिर जाति के नाम पर होने वाली यह बर्बरता यूँ ही जारी रहेगी?