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अंबेडकर जयंती से एक दिन पहले बीकानेर में इस घटना से भड़के बहुजन; नेता प्रतिपक्ष जूली बोले— 'असहनीय अत्याचार'

बीकानेर- राजस्थान के बीकानेर जिले के नूरसर गांव में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर गोबर पोतने की शर्मनाक घटना सामने आई है। यह घटना बाबा साहेब की जयंती से ठीक एक दिन पहले, 13 अप्रैल को हुई, जिसने स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बीछवाल थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण और उनकी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के आधार पर, कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रतिमा को अपमानित करने के इरादे से यह कृत्य किया। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है और जांच जारी है। बीकानेर के पुलिस अधीक्षक कवेंद्र सिंह सागर के निर्देशन में कार्रवाई को और तेज किया गया है।

इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने लिखा, "यह अपमान है, यह अत्याचार है, यह असहनीय है। यह सिर्फ़ कालिख नहीं, दलितों की अस्मिता और संविधान पर गहरा आघात है। नूरसर (बीकानेर) में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले उनकी प्रतिमा पर कालिख पोते जाने की घटना अत्यंत निंदनीय और पीड़ादायक है। मैं इस शर्मनाक कृत्य की कठोर शब्दों में निंदा करता हूँ।"

जूली ने आगे कहा कि, "बाबा साहेब सिर्फ़ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों और शोषितों की उम्मीद और आवाज़ हैं। उनकी प्रतिमा पर हमला एक मूर्ति पर नहीं, बल्कि उस संविधान पर है जिसने हमें समानता, समता और न्याय का अधिकार दिया। भाजपा के शासन में लगातार महापुरुषों का अपमान हो रहा है और यह चिंताजनक ही नहीं बल्कि असहनीय है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल समाज को विभाजित करने का प्रयास हैं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक नींव पर भी हमला हैं। घटना को लेकर सामाजिक संगठनों और आमजन में आक्रोश है। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया जाए और दोषियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।"

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई है। नूरसर और आसपास के क्षेत्रों में तनाव को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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