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Dalit History Month: इंडिगो फ्लाइट पर रिटायर्ड कस्टम अफसर की पहल पर बाबा साहब को अनोखी श्रद्धांजलि: “हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं”

मुम्बई- भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर, इंडिगो एयरलाइंस की मुंबई-इंदौर फ्लाइट 6E5181 पर एक अनोखा और हृदयस्पर्शी क्षण देखने को मिला। 70 वर्षीय एक रिटायर्ड कस्टम अफसर मदन पंवार की प्रेरणा पाकर फ्लाइट की कप्तान नम्रता और को-पायलट आलोक ने बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देते हुए उनके प्रसिद्ध कथन, “मैं सबसे पहले और अंत में भारतीय हूँ” को प्रदर्शित किया। इंडिगो ने इस भावना को दोहराते हुए अपनी शुभकामना दी: “हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।”

यह भावपूर्ण पल फ्लाइट में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर भारत और विदेशों में वायरल हो गया, जिसने आंबेडकरवादी समुदाय और आम जनता में प्रेरणा की लहर पैदा की।

इस फ्लाइट में वाळवा तालुका, पेठ के निवासी और सेवानिवृत्त सीमाशुल्क अधिकारी मदन पवार यात्रा कर रहे थे, ये समता सैनिक दल का गणवेश पहनकर बाबासाहेब की जन्मभूमि, महू में श्रद्धांजलि अर्पित करने जा रहे थे। इंदौर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद, इंडिगो के केबिन क्रू ने उनके गणवेश को देखकर उत्सुकता से पूछताछ की।

द मूकनायक से बातचीत में पवार ने बताया, “पहले मैं कस्टम अधिकारी था, लेकिन अब मैं समता सैनिक दल का सक्रिय सदस्य हूँ और बाबासाहेब के मिशन को आगे बढ़ा रहा हूँ। मैं 14 अप्रैल को बाबा साहब की जन्मभूमि पर सिर्फ उन्हें श्रद्धांजलि देने गया और उसी दिन वापस मुंबई भी लौटा।” पवार ने बताया की मुंबई में उस दिन उनकी मुलाकात बाबा साहब के पोते प्रकाश आंबेडकर से भी हुई और उन्हें भी समता सैनिक दल का गणवेश देखकर बहुत ख़ुशी हुई.

पंवार ने बताया कि अमूमन फ्लाइट्स में कोई भी यूनिफार्म पहने ट्रेवल नहीं करता है और इसी लिए इन्हें समता सैनिक दल का गणवेश पहने देखकर बहुत लोगों ने कौतुकता वश उनसे बात की और यूनिफार्म के बारे में जाना. पंवार ने बताया कि फ्लाइट के दौरान उन्होंने एयर होस्टेस से निवेदन किया कि बाबा साहब की जयंती के मौके पर वे कप्तान से मिलकर बाबा साहब का सन्देश शेयर करना चाहते हैं.

यह जानकारी जब कप्तान नम्रता और को-पायलट आलोक तक पहुँची, तो दोनों कॉकपिट से बाहर आए और मदन पवार का हार्दिक स्वागत किया। कप्तान नम्रता ने कहा, “डॉ. आंबेडकर के मिशन से जुड़े यात्री हमारी फ्लाइट में हैं, यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। हम बाबासाहेब का सम्मान पूरे दिल से करते हैं।”

इस अवसर पर मदन पवार ने खुद की तरफ से बनाया हुया बाबासाहेब का चित्र और उनके कथन “I am Indian, Firstly and Lastly” वाला ग्रीटिंग कार्ड कप्तान नम्रता और को-पायलट आलोक को भेंट किया। दोनों ने इसे सम्मानपूर्वक स्वीकार किया। नम्रता ने कहा, “यह ग्रीटिंग हमारे लिए अमूल्य है। हम इसे संभालकर रखेंगे।”

पवार ने कप्तान नम्रता से कहा, “आप जैसी महिला फ्लाइट कप्तान को देखकर लगता है कि बाबासाहेब द्वारा संविधान में रेखांकित ‘समानता’ साकार हो रही है। यह देखकर गर्व होता है।”

पवार ने बताया कि उनकी बेटी ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं जबकि बेटा बरोड़ा में प्राइवेट कम्पनी में कार्यरत है, बहु और पोती पंवार और उनकी पत्नी के साथ मुम्बई में रहते हैं।

इंडिगो फ्लाइट 6E5181 के केबिन क्रू और पूरी टीम ने ऑनबोर्ड बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देकर सामाजिक जागरूकता और संवैधानिक मूल्यों का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। इस पहल की देशभर में सराहना हो रही है। यह घटना न केवल बाबासाहेब के विचारों को सम्मान देती है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और समानता के संदेश को भी मजबूत करती है।

गौरतलब है कि 6 दिसंबर 2024 को महापरिनिर्वाण दिवस पर भी ऐसा ही एक भावुक पल घटित हुआ जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI 616 में बाबा साहबआंबेडकर को श्रद्धांजलि दी गई, जिसने एक यात्री को भावुक कर दिया।

स्वप्निल रामटेके, जो नागपुर के रहने वाले हैं ( दीक्षाभूमि, जहां बाबासाहेब ने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया था), के लिए यह क्षण बहुत ही खास था। वह ऑफिस के काम से चंडीगढ़ गये हुए थे और देर शाम को मुंबई जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार थे और महापरिनिर्वाण दिवस पर दीक्षाभूमि की यादें उन्हें बहुत खल रही थीं। अचानक फ्लाइट में एक घोषणा सुनाई दी:

"एक सूचना: भारतीय संविधान के जनक और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहब को उनकी 69वीं डेथ एनिवर्सरी पर हम विनम्र अभिवादन करते हैं ।"

फ्लाइट के पीछे की सीट पर बैठे स्वप्निल ने घोषणा का वीडियो रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर शेयर किया। उनका पोस्ट देखते ही देखते अंबेडकराइट्स द्वारा सराहा गया, और एयर इंडिया के इस कदम को लेकर कई लोगों ने अपनी सराहना व्यक्त की।

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