आजमगढ़ में बी.पी. मंडल की जयंती पर उठी जातिगत जनगणना व आरक्षण विस्तार की मांग

09:19 AM Aug 25, 2025 | Rajan Chaudhary

निजामाबाद (आज़मगढ़)। मंडल आयोग के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बी.पी. मंडल की जयंती की स्मृति में ददरा, तहबरपुर (आज़मगढ़) में रविवार को एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंडल कमीशन की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करने के संकल्प के साथ जातिगत जनगणना और एसआईआर (SIR) पर गंभीर चर्चा हुई।

किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि मंडल कमीशन की सभी सिफारिशों को लागू करवाना ही बी.पी. मंडल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने इसे राष्ट्र निर्माण का दस्तावेज बताते हुए कहा कि इसके जरिए सदियों से उत्पीड़ित समाज को वह अधिकार मिल सकते हैं, जिनसे वे अब तक वंचित रहे हैं।

राजीव यादव ने जोर देकर कहा कि जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय की कुंजी है। लेकिन जब इस पर मांग तेज हुई तो जनगणना को लंबे समय तक टाला गया। और जब जातिगत जनगणना की घोषणा की गई तो एसआईआर के नाम पर बाबा साहब आंबेडकर द्वारा दिए गए मतदान अधिकार पर हमला किया जाने लगा। उन्होंने कहा कि पिछड़ों की गणना के बिना उनके अधिकार सुनिश्चित नहीं किए जा सकते।

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उन्होंने आगे कहा कि 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा और क्रीमी लेयर जैसी बाधाओं के रहते सामाजिक न्याय अधूरा है। सामाजिक न्याय को पूरी तरह लागू करने के लिए क्रीमी लेयर, उपवर्गीकरण, कोटे में कोटा और आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को खत्म करना जरूरी है। साथ ही देश में जिस तेजी से सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण हो रहा है, वह रोजगार और सामाजिक न्याय दोनों पर आघात है। उन्होंने मांग की कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाए और महिला आरक्षण में "कोटे में कोटा" की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

राजीव यादव ने कहा कि मंडल कमीशन की दो सिफारिशें लागू होने के बाद देश में क्रांतिकारी बदलाव आया था, लेकिन आज भी 27 प्रतिशत आरक्षण और एससी/एसटी को मिला आरक्षण पूरी तरह लागू नहीं हो सका है। आरक्षण वह प्रक्रिया है जिसने वंचित समाज को स्वतंत्र भारत में प्रतिनिधित्व दिलाया। उन्होंने सवाल उठाया कि आरक्षण का विरोध करने वाले बताएँ कि जाति और जन्म आधारित भेदभाव का शिकार बड़ी आबादी को उसके हक और अधिकार दिलाने का विकल्प उनके पास क्या है।

गोष्ठी को किसान नेता राजीव यादव के अलावा दिनेश यादव मास्टर, राम संभार प्रजापति, डॉ. राजेंद्र यादव, सत्यम प्रजापति और एडवोकेट राजनाथ यादव कवि ने भी संबोधित किया।

सभा में नंदलाल यादव, अवधेश यादव, विनोद यादव और सहाबदीन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।