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SC/ST/OBC बच्चों में बढ़ते कुपोषण की रिपोर्ट पर भीम आर्मी चीफ ने प्रधानमंत्री से पूछा- क्या यह सामाजिक न्याय है..?

नई दिल्ली- आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चन्द्र शेखर आज़ाद ने एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय के बच्चों में बढ़ते कुपोषण की समस्या पर गहरी चिंता जाहिर की है। x पर इस मुद्दे को उठाते हुए भीम आर्मी चीफ ने प्रधान मंत्री से सवाल किया कि क्या यह सामाजिक न्याय है कि सदियों से वंचित रखे गए समुदायों के बच्चों को आज भी पोषण और स्वास्थ्य से वंचित रखा जाए? सरकारें बच्चों के लिए योजनाएं बना रही तो उनका लाभ सबसे ज़रूरतमंदों तक क्यों नहीं पहुंच रहा?

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले दो दशकों में बच्चों में कुपोषण की दर में कमी देखी गई है, लेकिन सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों जैसे अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बच्चों में कुपोषण के मामले बढ़े हैं। हिन्दुस्तान में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2005-06 की तुलना में 2019-21 में कुपोषण की दर में 10 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। हालांकि, 2015-16 के बाद बच्चों में उम्र और लंबाई के हिसाब से कम वजन और एनीमिया के मामलों में वृद्धि हुई है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की तीन अलग-अलग रिपोर्ट्स से पता चलता है कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के बच्चों में कुपोषण की स्थिति गंभीर है। वर्ष 2015-16 में एससी बच्चों में कुपोषण की दर 60.6% थी, जो 2019-21 में बढ़कर 70.3% हो गई। इसी तरह, एसटी बच्चों में यह दर 63.3% से बढ़कर 73.9% और ओबीसी बच्चों में 58.6% से 66.1% हो गई। इन तीनों वर्गों में कुपोषण में 10-12% की वृद्धि देखी गई। अन्य जातियों की तुलना में इन वर्गों के बच्चों में कुपोषण की स्थिति अधिक चिंताजनक है।

वर्ष 2019-21 में एससी बच्चों में बौनापन 39.2% दर्ज किया गया, जबकि अन्य जातियों में यह 29.6% था। कुपोषण की दर एससी में 70.3%, एसटी में 73.9% और अन्य जातियों में 66.5% रही। कम वजन के मामले में भी एससी (35.1%), एसटी (39.5%) और ओबीसी (35.5%) वर्गों के बच्चे अन्य जातियों (26.3%) की तुलना में अधिक प्रभावित पाए गए। लंबाई के हिसाब से कम वजन के मामलों में भी एससी (19.7%), एसटी (23.2%) और ओबीसी (18.9%) वर्गों के बच्चे अन्य जातियों (17.1%) से अधिक कुपोषित पाए गए। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों में कुपोषण की समस्या अन्य वर्गों की तुलना में अधिक गंभीर है।

आजाद ने अपने पोस्ट में आगे लिखा- सरकार से हमारी माँग है कि SC-ST-OBC बच्चों के लिए विशेष पोषण योजनाएं लागू की जाएं, जो उनकी भौगोलिक और सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखें। PDS से वंचित परिवारों को तत्काल जोड़ा जाए और उनके बच्चों की पोषण निगरानी हो। आंगनबाड़ी और मिड डे मील में जाति आधारित भेदभाव रोकने के लिए कठोर निगरानी और दंड हो। बच्चों का भविष्य केवल सरकारी फाइलों में नहीं, उनकी थाली और शरीर की सेहत में दिखना चाहिए।

सांसद ने कहा वे एनएचआरसी की इस रिपोर्ट को संसद में उठाएंगे।

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