लखनऊ/बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में प्रशासन ने मंगलवार को कथित धर्मांतरण गिरोह के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छंगूर उर्फ झंगूर बाबा की अवैध भव्य कोठी पर बुलडोजर चला दिया।
यह आलीशान हवेली उतरौला तहसील के मधपुर गांव में लगभग 3 बीघा सरकारी (ग्राम समाज) भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई थी। प्रशासन ने 17 मई को भवन के कागजात पेश करने का नोटिस जारी किया था। यह नोटिस उसकी सहयोगी और सह-आरोपी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर दिया गया था, जो उस वक्त फरार थी। कोठी उसी के नाम दर्ज थी।
नोटिस का कोई जवाब न मिलने पर मंगलवार को भवन ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई उस वक्त तेज हुई जब उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने शनिवार को लखनऊ के एक होटल से छंगूर बाबा और नीतू को गिरफ्तार किया।
प्राथमिक एफआईआर में दोनों पर बलरामपुर में कम से कम 40 लोगों के अवैध धर्मांतरण का आरोप है, हालांकि जांच एजेंसियों का मानना है कि असली संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।
मंगलवार सुबह बलरामपुर प्रशासन ने मधपुर गांव में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया। इस कार्रवाई के दौरान 10 से अधिक बुलडोजर और पीएसी की दो कंपनियां तैनात की गईं, ताकि संवेदनशील कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और पूरे अभियान की निगरानी की।
जिला प्रशासन के अनुसार, अवैध कब्जे में सिर्फ कोठी ही नहीं बल्कि बिना अनुमति बनाए गए एक कॉलेज, अस्पताल और मदरसा भी शामिल थे। ये निर्माण लगभग 3 से 6 बीघा सरकारी भूमि पर किए गए थे और अधिकारियों के मुताबिक, यह छंगूर बाबा के प्रभाव को इलाके में बढ़ाने के लिए की गई एक बड़ी जमीन कब्जा योजना का हिस्सा थे।
कोठी का निर्माण बेहद मजबूत था, जिसके चलते इसे गिराने में कई घंटे लगे और यह कार्रवाई अगले दो से तीन दिनों तक जारी रहने की संभावना है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि लगभग 5 बीघा में फैले उस परिसर का भी एक हिस्सा गिराया गया, जो नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के नाम दर्ज था और जिसे मई में ही नोटिस दिया गया था।
जमालुद्दीन उर्फ छंगूर बाबा मूल रूप से रेहरा माफी गांव का रहने वाला है और पिछले एक दशक से मधपुर गांव में रह रहा था। स्थानीय लोग बताते हैं कि कभी वह मुंबई की हाजी अली दरगाह जाया करता था और छोटे-मोटे पत्थर व अंगूठियां बेचता था। वर्ष 2020 के आसपास उसके जीवन में अचानक बड़ा बदलाव आया और उसने खुद को 'पीर' और आध्यात्मिक गुरु घोषित कर दिया।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब मुंबई के व्यापारी नवीन रोहरा, उनकी पत्नी नीतू और बेटी ने कथित तौर पर छंगूर बाबा के प्रभाव में आकर धर्म परिवर्तन कर लिया। आरोप है कि धर्मांतरण के बाद इस जोड़े ने मुस्लिम नाम—जमालुद्दीन और नसरीन—अपना लिए और बाबा के साथ उतरौला में रहने लगे। साथ ही उन्होंने अपनी लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल भी उसे करने दिया।
एटीएस के अनुसार, बाबा का गिरोह हिंदू महिलाओं को प्रेमजाल में फंसाकर जबरन धर्मांतरण करता था। जांच में उसके 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय दौरों और लगभग ₹100 करोड़ के विदेशी फंडिंग की भी बात सामने आई है। इसमें ₹30–40 करोड़ की रकम बैंक ऑफ बड़ौदा की उन खातों में जमा बताई जा रही है जो छंगूर और नीतू से जुड़े हैं।
इससे पहले 8 अप्रैल को छंगूर बाबा के बेटे महबूब और एक अन्य सहयोगी नवीन उर्फ जमालुद्दीन को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई पर जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा:
“अवैध कब्जों और असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ हमारी कार्रवाई पूरी सख्ती से जारी रहेगी। यह अभियान सार्वजनिक भूमि के दुरुपयोग और अवैध धर्मांतरण में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।”
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने कहा:
“कानून अपना काम करेगा। हम सभी सुरागों की जांच कर रहे हैं और इस पूरे नेटवर्क से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”