अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की एक बड़ी कोशिश का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। जिले के दो गांवों में चार मंदिरों की दीवारों पर अज्ञात लोगों ने धार्मिक नारे लिख दिए थे, जिसके बाद से इलाके में तनाव बना हुआ था। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को जानकारी दी कि चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) नीरज कुमार जादौन ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जीशांत कुमार, आकाश, दिलीप कुमार और अभिषेक सारस्वत के रूप में हुई है। ये सभी अलीगढ़ के ही रहने वाले हैं। SSP जादौन ने यह भी पुष्टि की कि आरोपियों के पास से वह स्प्रे कैन भी बरामद कर लिया गया है, जिसका इस्तेमाल मंदिर की दीवारों पर नारे लिखने के लिए किया गया था।
Abhishek, Aakash, Dileep & Zishan arrested by UP's Aligarh police for allegedly writing "I love Mohammad" on temple walls to stoke tensions and frame Muslim rivals with who the accsued were locked in property dispute. Another suspect wanted in the case is on the run, police said. pic.twitter.com/DFsLX9zl7K
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) October 30, 2025
पुलिस ने बताया कि इस साजिश में शामिल एक अन्य आरोपी, जिसकी पहचान राहुल के रूप में हुई है, वह अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
'स्पेलिंग मिस्टेक' से पकड़े गए आरोपी
SSP के अनुसार, आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स, पुराने केस रिकॉर्ड और नारों में की गई 'वर्तनी की गलतियों' (Spelling Mistakes) का सहारा लिया।
लोधा थाने के एसएचओ अंकित कुमार ने इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "आरोपी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। उन्होंने पैगंबर के नाम की स्पेलिंग भी अलग-अलग और गलत लिखी थी। कहीं पर 'Mohmad' तो कहीं 'Muhmad' लिखा गया था।" इन्हीं सुरागों के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही।
क्यों रची गई यह साजिश?
पुलिस जांच में इस पूरी घटना के पीछे की जो वजह सामने आई है, वह आपसी रंजिश की है। पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी जीशांत कुमार की मुस्तकीम नाम के एक व्यक्ति से पुरानी दुश्मनी थी। दोनों के बीच पहले भी झगड़ा हो चुका था और उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई हुई थी।
SSP नीरज कुमार जादौन ने स्पष्ट किया, "जीशांत का इरादा मुस्तकीम को इस मामले में फंसाना था।"
इस साजिश को अंजाम देने के लिए जीशांत ने अपने तीन दोस्तों—आकाश, दिलीप और अभिषेक—की मदद ली। बाद में, राहुल नाम का एक और शख्स भी इनके साथ मिल गया, जिसका मुस्तकीम के साथ संपत्ति को लेकर कोई विवाद चल रहा था। इन सभी ने मिलकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने और अपने विरोधी को फंसाने की यह योजना बनाई।
क्या था पूरा मामला?
यह घटना 25 अक्टूबर की सुबह सामने आई थी। पुलिस को सूचना मिली कि लोधा इलाके के भगवानपुर और बुलाकीगढ़ गांवों में स्थित चार मंदिरों की दीवारों पर धार्मिक नारे लिखे गए हैं। इस खबर के फैलते ही स्थानीय निवासियों में भारी रोष फैल गया और उन्होंने बदमाशों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
मामले की गंभीरता को भांपते हुए, पुलिस ने तुरंत सात अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत FIR दर्ज की थी।
इलाके में तनाव बढ़ने के बाद, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। पुलिस की फोरेंसिक टीमों ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में अहम भूमिका निभाई थी।
 
  
  
 