भोपाल। राजधानी में 14 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता की मुलाकात आरोपित से एक पार्टी में हुई थी। गर्मियों की छुट्टी में मौका पाकर युवक घर में घुसा और दुष्कर्म किया। वारदात का वीडियो बनाकर उसने नाबालिग को महीनों तक ब्लैकमेल किया और अलग-अलग जगह बुलाकर संबंध बनाने के लिए मजबूर करता रहा। लंबे समय तक चुप रहने के बाद जब पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर परिवार को पूरी घटना बताई, तो मामला पुलिस तक पहुंचा। कोलार थाना पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार पीड़िता अवधपुरी थाना क्षेत्र में रहती है और पढ़ाई कर रही है। 31 दिसंबर 2024 को वह कोलार में अपनी बुआ के घर आई हुई थी। रात में उसकी फुफेरी बहन उसे शाहपुरा में एक पार्टी में लेकर गई, जहां उसकी मुलाकात मिनाल रेसीडेंसी निवासी मणिमान नामक युवक से हुई।
गर्मियों की छुट्टी में जब पीड़िता दोबारा बुआ के घर आई, तो मणिमान को इसकी खबर लगी। एक दिन जब बुआ और उनकी बेटी बाहर गए हुए थे, तब मणिमान घर पहुंचा और अकेला पाकर उसने नाबालिग से जबरन दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने वीडियो भी बना लिया।
धमकी देकर बुलाता रहा
वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आरोपित अलग-अलग स्थानों पर पीड़िता को बुलाता और उससे संबंध बनाने के लिए मजबूर करता रहा। आखिरी बार जून महीने में उसने इस तरह की हरकत की। लगातार प्रताड़ना से परेशान पीड़िता गुमसुम रहने लगी, तो स्वजनों ने कारण पूछा। तब उसने पूरी घटना बताई। परिजनों ने तुरंत पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद कोलार थाना पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
एसआई संगीता काजले के मुताबिक, पीड़िता का बयान दर्ज कर मेडिकल परीक्षण कराया गया है। पुलिस टीम आरोपित मणिमान की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
पीड़िता की आपबीती
पीड़िता ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई, उसने पुलिस को बताया, "मैं अवधपुरी में रहती हूं और स्कूल में पढ़ाई करती हूं। दिसंबर में मैं अपनी बुआ के घर, कोलार आई थी। मेरी फुफेरी बहन मुझे शाहपुरा में एक पार्टी में ले गई थी, वहीं मेरी मुलाकात मणिमान नाम के लड़के से हुई। कुछ महीने बाद गर्मियों की छुट्टियों में मैं फिर बुआ के घर आई। एक दिन जब बुआ और उनकी बेटी बाहर गए थे, मणिमान घर आ गया और उसने मेरे साथ जबरन गलत काम किया। उसने उस समय वीडियो भी बना लिया। बाद में वह बार-बार मुझे फोन करके या मैसेज करके अलग-अलग जगह बुलाता और धमकी देता कि अगर मैं नहीं जाऊंगी तो वीडियो सबको दिखा देगा। आखिरी बार जून में उसने मुझे बुलाकर गलत काम किया। मैं डर के कारण किसी को कुछ नहीं बता पाई, लेकिन अब तंग आकर मैंने सब कुछ अपने घर वालों को बता दिया।"
बाल आयोग ने लिया संज्ञान
राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा, ने द मूकनायक से बातचीत में कहा, "आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। खासकर देखा गया है कि बच्चों को वीडियो, फोटो और जान से मारने की धमकी देकर ही आरोपी उनका शोषण करते हैं। इस मामले में पुलिस से जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आयोग आगे की कार्रवाई करेगा।"
NCRB के आंकड़े भयावह !
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट भी इस स्थिति की भयावहता को दर्शाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ कुल 20,415 अपराध दर्ज किए गए, जो कि देशभर में महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इनमें से 6,654 मामले केवल POCSO एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं। सबसे अधिक मामले अपहरण और बहला-फुसलाकर ले जाने से जुड़े हैं, जिनकी संख्या 10,125 रही। बच्चों की हत्या के 109 और आत्महत्या के लिए उकसाने के 90 मामले भी इस रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
NCRB की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध की दर 71 प्रति एक लाख बच्चों पर है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश इस मामले में दूसरे स्थान पर है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 96.8% यौन अपराधों में आरोपी पीड़िता के परिचित होते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पीड़िताओं के लिए सबसे असुरक्षित स्थान उनका अपना सामाजिक दायरा बनता जा रहा है।