भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में 17 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना 5 अगस्त 2025 की है, लेकिन आरोपियों की धमकियों के कारण किशोरी लंबे समय तक खामोश रही। आरोपियों ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और बार-बार होटल बुलाने लगे। आखिरकार हिम्मत जुटाकर किशोरी ने अपने परिजनों को सच्चाई बताई और मंगलवार रात हजीरा थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
रास्ते से उठाकर ले गए आरोपी
पुलिस के अनुसार, हजीरा क्षेत्र के प्रसाद नगर निवासी 17 वर्षीय किशोरी 5 अगस्त की सुबह चार शहर का नाका से नाश्ता लेकर लौट रही थी। तभी रास्ते में एक्टिवा सवार राहुल पुत्र वेदसिंह लोधी और कल्लू पुत्र कमाल खां मिले। दोनों ने किशोरी के सिर पर कट्टा अड़ाया और जान से मारने की धमकी देते हुए जबरन एक्टिवा पर बैठा लिया।
आरोपी उसे दीनदयाल नगर स्थित अमेरिकन होटल ले गए। वहां पहुंचकर उन्होंने उसे कोल्डड्रिंक दी जिसमें नशीला पदार्थ मिलाया गया था। ड्रिंक पीते ही किशोरी बेसुध सी हो गई और उसके हाथ-पांव काम करना बंद हो गए। इसी हालत का फायदा उठाकर दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। जाते-जाते आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो जान से मार देंगे और जब भी वे बुलाएं, उसे आना पड़ेगा।
डर के कारण किशोरी ने घटना किसी को नहीं बताई। लेकिन आरोपी लगातार उसे फोन कर होटल आने के लिए मजबूर करते रहे। मना करने पर वे बदनाम करने की धमकी देते थे। आखिरकार किशोरी ने अपने परिवार को पूरी बात बताई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
परिजनों के साथ मंगलवार रात हजीरा थाने पहुंची किशोरी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 376D (सामूहिक दुष्कर्म), 506 (धमकी), 34 (साझा अपराध) और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। होटल के सीसीटीवी फुटेज और रजिस्टर की जांच भी की जा रही है।
NCRB के आंकड़े भयाभय!
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट भी इस स्थिति की भयावहता को दर्शाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ कुल 20,415 अपराध दर्ज किए गए, जो कि देशभर में महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इनमें से 6,654 मामले केवल POCSO एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं। सबसे अधिक मामले अपहरण और बहला-फुसलाकर ले जाने से जुड़े हैं, जिनकी संख्या 10,125 रही। बच्चों की हत्या के 109 और आत्महत्या के लिए उकसाने के 90 मामले भी इस रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
NCRB की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध की दर 71 प्रति एक लाख बच्चों पर है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश इस मामले में दूसरे स्थान पर है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 96.8% यौन अपराधों में आरोपी पीड़िता के परिचित होते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पीड़िताओं के लिए सबसे असुरक्षित स्थान उनका अपना सामाजिक दायरा बनता जा रहा है।