भोपाल। शुक्रवार शाम मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के विरोध में कांग्रेस मुख्यालय के सामने उनका पुतला दहन किया। यह विरोध संघ प्रमुख के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि "सच्ची स्वतंत्रता 1947 में नहीं, बल्कि बाद में मिली," के खिलाफ था।
पुतला दहन के दौरान पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं ने अपने प्रयास जारी रखे। इस दौरान पुलिस और NSUI कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बावजूद, कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराया।
इससे पहले, दोपहर NSUI की एक बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित की गई थी। बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छात्रों को संगठन को मजबूत करने और आगामी रणनीतियों पर काम करने के लिए प्रेरित किया। बैठक के बाद NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोहन भागवत का पुतला जलाया।
द मूकनायक से बातचीत में NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा, "जब तक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर उनके बयान को लेकर मामला दर्ज नहीं होता, हम विरोध करते रहेंगे। हम आरएसएस की नफरती विचारधारा के खिलाफ पुरजोर तरीके से खड़े रहेंगे। पुलिस ने पुतला दहन रोकने की कोशिश की, लेकिन हमारा इरादा मजबूत और अटल है।"
मोहन भागवत का विवादास्पद बयान
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक सभा में कहा था, "सच्ची स्वतंत्रता 1947 में नहीं, बल्कि बाद में मिली।" इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भागवत के बयान को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके बलिदान का अपमान बताते हुए कहा, "यह बयान स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के त्याग का अपमान है। मोहन भागवत को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।"
भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "ऐसे बयान देश की एकता और स्वतंत्रता के इतिहास को कमजोर करते हैं। भागवत को पूरे देशवासियों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों से माफी मांगनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि संघ प्रमुख का यह बयान उन शहीदों की कुर्बानी को अनदेखा करता है, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
NSUI का विरोध जारी रहेगा
NSUI कार्यकर्ताओं ने घोषणा की है कि जब तक संघ प्रमुख मोहन भागवत अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, उनका विरोध जारी रहेगा। संगठन ने इसे आरएसएस की "नफरत फैलाने वाली विचारधारा" का हिस्सा बताया है और इसके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है।
देशभर में बढ़ रहा संघ प्रमुख का विरोध
संघ प्रमुख के बयान को लेकर देशभर में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इसे न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास बताया है, बल्कि इसे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का भी अपमान करार दिया है। कांग्रेस ने भी साफ किया है, की वह विरोध जारी रखेंगे।