लोकसभा चुनाव 2024: धर्म गुरु नहीं, अब भाजपा के शीर्ष नेता खुद दे रहे साम्प्रदायिक भाषण!

06:18 PM Apr 29, 2024 | Ankit Pachauri

भोपाल। इस बार लोकसभा चुनाव में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जहां चुनाव प्रचार और रैलियों के दौरान पार्टी के प्रमुख और शीर्ष नेता ही विशेष समुदाय को टारगेट कर रहे हैं। जबकि पिछले चुनावों में यह काम बाबाओं के भरोसे था।

2023 के विधानसभा चुनाव में जिन पांच राज्यों के चुनाव सम्पन्न हुए थे। उनमें सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आम जनता को बाबाओं की कथाओं से लुभाने का प्रयास किया गया था. इन बाबाओं ने तमाम तरह के विवादित बयान कथाओं से दिए थे जिसका विरोध भी हुआ था। लेकिन देश के आम चुनाव में बाबाओं की प्रतिक्रिया पूरी तरह नदारद है और अब सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेता ही धर्म, समुदाय पर सार्वजनिक मंचों से बयानबाजी कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं इस तरह की सीधी बयानबाजी से वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 21 अप्रैल, 2024 को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह देश की संपत्ति "जिनके ज्यादा बच्चे हैं" उन लोगों को देगी। रैली के दौरान पीएम ने अपने भाषण में सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं को "शहरी नक्सली" बताया। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस का घोषणापत्र माताओं और बहनों के पास मौजूद है और उनके सोने और संपत्ति के बारे में जानकारी इकट्ठा करके और फिर संपत्ति को बांटने का आह्वान करता है।''

लोगों से पूछते हुए पीएम ने कहा "(कांग्रेस) देश का सोना किसे बांटेंगे, फिर प्रधान मंत्री ने स्वयं उत्तर दिया, और कहा "कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा कि वे देश की संपत्ति को बाटेंगे। मनमोहन सिंह की सरकार ने पहले कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब यह है कि वे संपत्ति को घुसपैठियों के बीच, जिनके ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हें बांट देंगे, क्या आपको यह मंजूर है?"

अभी हाल ही में एक न्यूज चैनल के इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा, "मुस्लिम कोटा की जरूरत क्या है? और ये मुद्दा विपक्ष के लोग उठा रहे हैं। विपक्ष के लोग जब बोलेंगे तो पीएम को तो इसका जवाब देना ही चाहिए। वो जनता को साफ बता रहे हैं कि हमने क्या-क्या किया है। हमारी राजनीति का आधार है इंसाफ और इंसानियत"

मुस्लिम कोटा को मुद्दा बनाने को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा, "मुद्दा हमने नहीं बनाया है। हम कभी भी जाति धर्म को राजनीति का आधार नहीं बनाया है। हमारी राजनीति का आधार इंसाफ और इंसानियत है।" मंगलसूत्र वाले बयान पर भारत के रक्षा मंत्री ने इंटरव्यू में कहा, "जब ये सर्वे कराने की बात कर रहे तो इसका मतलब है कि ये गड़बड़ करेंगे। लोगों को इनकी मंशा समझ में आ जाए, इसे स्पष्ट करने के लिए पीएम ने कहा। कांग्रेस के मेनिफेस्टो को देखने के बाद ये लगता है कि उनकी कुछ ना कुछ मंशा है। ये कुछ भी कर सकते हैं। संपत्तियों का सर्वे कराने का क्या मकसद है।"

सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेता चुनावी मंचों और मीडिया पर एक विशेष समुदाय को टारगेट कर बयान दे रहे हैं, जबकि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ऐसी ही बयानबाजी बाबा, कथावाचक और योगगुरु कर रहे थे।

मध्य प्रदेश के चर्चित छतरपुर के बागेश्वर धाम वाले बाबा ने इन दिनों राजनीतिक दलों से दूरियां बना रखी हैं। इसके पहले विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रत्याशियों की ओर से कथाएं की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वह मध्य प्रदेश की राजनीति से गायब हैं। कहा जा रहा है, बागेश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाओं में भीड़ तो लाखों में इक्कठा होती है, मगर नेताओं की अपेक्षा के अनुरूप वोट में नहीं बदल पाती। इसलिए इस बार भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के किसी भी कैंडिडेट ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा अपने क्षेत्रों आयोजित नहीं कराई।

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं। साल 2023 में उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में एक बयान दिया था। उन्होंने कहा भारतीय संविधान में अब तक 700 बार संशोधन किया जा चुका है। ऐसे में हिंदू राष्ट्र के निर्माण के लिए एक बार संशोधन किया जाना चाहिए। बागेश्वर बाबा कई न्यूज़ चैनलों के लाइव इंटरव्यू के दौरान देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की पैरवी कर चुके हैं। इन्हीं सब बयानों से चर्चित बागेश्वर बाबा को भाजपा के प्रत्याशियों द्वारा उनके क्षेत्रों में कथाएं आयोजित करवाई गईं थी। यह कथाएं विधानसभा चुनाव की आचार सहिंता के पहले आयोजित की गईं।

मध्य प्रदेश के सीहोर के चर्चित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में बदलाव करने का विवादित बयान दिया था। मई 2022 में नर्मदापुरम में कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की थी, उन्होंने ये बात कथा सुनाने के दौरान गीत के माध्यम से की थी। उनका कहना था कि वे संविधान को बदल कर हिंदू राष्ट्र बनाएंगे, वे इस बात के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने भी भाजपा प्रत्याशियों के विधानसभा क्षेत्रों में कथाएं की थीं।

इसी तरह बाबा रामदेव भी विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे, जिसका समर्थन भाजपा नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करते रहे हैं। साल 2014 से ही रामदेव के टारगेट पर हमेशा से विपक्षी दल रहे है। बीते साल 02 फरवरी 2023 को बाबा रामदेव का इस्लाम और मुसलमानों पर दिया गया बयान चर्चा में आया था। इसमें बाबा रामदेव नमाज पर बात करते हैं और आगे ईसाई धर्म पर भी हमला बोल रहे हैं। रामदेव ने ये बातें राजस्थान के बाड़मेर में एक धर्म सभा के दौरान कहीं।

बाबा रामदेव ने यहाँ कहा था कि, "इस्लाम धर्म मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है, मुसलमानों के लिए सिर्फ नमाज पढ़ना जरूरी है और नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो, सब जायज है। चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ, चाहे जिहाद के नाम पर आतंकवादी बनकर जो मन में आए वो करो।"

रामदेव ने ईसाई धर्म पर बोलते हुए कहा कि दिन में चर्च जाकर मोमबत्ती जलाओ, सारे पाप धुल जाएंगे, लेकिन हिंदू धर्म में ऐसा कुछ नहीं होता। बाबा रामदेव यहीं नहीं रुके, इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी जन्नत (स्वर्ग) का मतलब है कि टखने के ऊपर पायजामा पहनों, मूंछ कटवा लो और टोपी पहन लो।

इन नेताओं के वायरल हुए थे बयान

राजस्थान के भाजपा विधायक बालकनाथ का बीते साल नवंबर 2023 में एक विवादित बयान सामने आया था। उन्होंने उस बक्त विधानसभा चुनाव की तुलना भारत-पाकिस्तान मैच से करते हुए यह बयान दिया था। बाबा बालकनाथ ने कहा था, "यह चुनाव भारत पाकिस्तान मैच की तरह है, जिस तरह एक-एक रन के लिए खिलाड़ी मेहनत करता है उसी तरीके से आपको एक-एक वोट के लिए मेहनत करनी होगी, मौका लगे तो छक्का जरूर लगाना."

अगस्त 2023 में भोपाल (हुजूर) सीट के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने नर्मदापुरम में एक सभा में विवादित बयान दिया था, उन्होंने कहा, ''जल्द परिवर्तन होने वाला है, अब मुसलमान कहने लगे हैं, कुछ हमने छोड़ा है, कुछ हिंदू भी छोड़ें। लेकिन हम कान्हा की भूमि छोड़ने वाले नहीं हैं।"

रामेश्वर शर्मा ने मंच से कहा कि ''बहुत जल्दी चमत्कार होने वाला है, नया परिवर्तन का युग बदला है। अब मुसलमान कहने लगे हैं कुछ हमने छोड़ा है कुछ हिंदू छोड़ें, कान खोलकर सुन लो हम नहीं है कान्हा की जन्मभूमि छोड़ने वाले, हम नहीं हैं काशी विश्वनाथ की काशी छोड़ने वाले। हम संदेश देना चाहते हैं, लोगों को बताना चाहते हैं कि हिंदुस्तान की धरती पर नरेंद्र मोदी जैसा नेता मिला है, भारतीय जनता पार्टी है तो हिंदुस्तान है। नरेंद्र मोदी नहीं होते तो क्या कश्मीर से धारा 370 हट जाती, नरेंद्र मोदी नहीं होते तो वैष्णो देवी भी हमारे पास नहीं होतीं।''