भाजपा की जनसभा मतलब “राम मंदिर” का जिक्र जरूरी! मतदाताओं के लिए मंदिर के क्या हैं मायने?

05:46 PM Apr 26, 2024 | Rajan Chaudhary

उत्तर प्रदेश। इटावा लोकसभा क्षेत्र के राजपुर में गुरुवार को आयोजित चुनावी जनसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब हमने कहा था कि जिस दिन भाजपा बहुमत में आएगी उसी दिन जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाएगी और अयोध्या की धरती पर राम मंदिर बनाया जाएगा। तब विपक्षी रामलला के मंदिर पर तंज कसते थे। हमने जो कहा वही किया। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्माचार्यों के नेतृत्व में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। अयोध्या नगरी में भगवान राम को कुटिया से निकालकर राजमहल में ले आए। अब रामराज साबित हो रहा है।

भाजपा द्वारा कथित रूप से वोटरों को लुभाने के लिए राम मंदिर का जिक्र सिर्फ रक्षा मंत्री ही नहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य पार्टी के राजनेता अपनी चुनावी जनसभाओं में कर चुके हैं. राजपुर के भारतीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि, भाजपा देश बनाने के लिए राजनीति करती है। सपा, कांग्रेस की सरकारों में भ्रष्टाचार का बोल बाला रहा। जिस तरह डायनासोर विलुप्त हुआ उसी तरह सपा, कांग्रेस भी विलुप्त हो जाएंगी। वह भाजपा प्रत्याशी डॉ. रामशंकर कठेरिया के समर्थन में लोगों को संबोधित करने पहुंचे थे।

यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के पत्रकार व सामजिक कार्यकर्ता बजरंगी प्रसाद चौधरी द मूकनायक को राम मंदिर मसले पर मतदाताओं के बीच की स्थिति के बारे में बताते हैं कि, “राम मंदिर कोर्ट के निर्णय अनुसार बनाया गया था. इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है. ये लोग राम मंदिर का उदाहरण देकर फर्जी भूमिका निभा रहे हैं और मतदाता को बेवकूफ बना रहे हैं. इनके दिमाग में जो आता है वह जनता के बीच बोल देते हैं और मतदाता उसी को बिना सोचे समझे मान भी लेते हैं.”

गुरुवार को यूपी के मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के जसवंतनगर में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने भी सपा और कांग्रेस पर परिवारवादी और हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यादवों को टिकट देने के लिए अखिलेश को सिर्फ अपना ही परिवार मिला। उन्होंने रामलला के दर्शन करने न जाने पर सपा और कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।

मैनपुरी से भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह के पक्ष में मुख्यमंत्री रामलीला मैदान पर हुई जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, आप लोग पूछिए कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद सपा और कांग्रेस के नेताओं ने दर्शन क्यों नहीं किए। क्या रामलला में मंदिर नहीं बनना चाहिए था?

मुख्यमंत्री ने सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस कहती है कि श्रीराम और श्रीकृष्ण हुए ही नहीं। उन्होंने सैम पित्रोदा का नाम लिए बगैर कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता के सलाहकार ने कहा है कि देश में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार आएगी तो विरासत पर टैक्स लगाएगी। मतलब, आपके बाप-दादा की विरासत की संपत्ति कांग्रेस और सपा के लोग हड़प लेंगे।

मुस्लिम समुदाय का भी जिक्र

उन्होंने कर्नाटक का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कांग्रेस की सरकार है। वहां कांग्रेस पिछड़ों के आरक्षण को मुस्लिमों के लिए बांट दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी बसपा, सपा के सहयोग वाली कांग्रेस सरकार ने जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी गठित की थी। उस कमेटी ने संस्तुति दी थी कि ओबीसी का आरक्षण मुस्लिमों में बांट दिया जाए। कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट भी ऐसे ही आरक्षण की बात करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आएगी तो सरकार के संसाधनों को वह मुस्लिमों को बांट देगी।

“मैं हिन्दू हूँ तो मेरा यह कर्तव्य है कि मैं भाजपा को वोट दूँ”

यूपी में भाजपा के सक्रिय सदस्य राजेश मणि त्रिपाठी से द मूकनायक ने बात की कि राम मंदिर के जिक्र से पार्टी को क्या फायदा होगा और मतदाता में इसका क्या असर होगा..!! राजेश त्रिपाठी बताते हैं कि, “राम मंदिर एक मुद्दा था. हमसे पूछा जाता था कि ‘मंदिर वहीं बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे’. अब वह बन चुका है तो इसका जिक्र किया जा रहा है.”

महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को छोड़कर क्या मतदाता सिर्फ राम मंदिर के नाम पर वोट करेगा, सवाल पर उन्होंने कहा कि, “महंगाई तो बढ़ी है लेकिन विकास भी हुआ है. 6 घंटे बिजली अखिलेश यादव [पूर्व मुख्यमंत्री] दे रहे थे, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली योगी जी [वर्तमान मुख्यमंत्री] दे रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि, “अगर बाबर यहां का निवासी नहीं होते हुए भी यहां का मुद्दा है तो राम मंदिर भी मुद्दा होना चाहिए. अगर मैं हिन्दू हूँ तो मेरा यह कर्तव्य है कि मैं भाजपा को वोट दूँ.” राजेश त्रिपाठी ने स्वीकार किया कि महंगाई तो है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी सरकार इसे कम नहीं कर सकती.