पटना: बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत वृद्धा पेंशन और दिव्यांग पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये करने की घोषणा की है। इस बड़े फैसले के बाद बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है। सत्तारूढ़ दल इसे जनहित में एक महत्वपूर्ण कदम बता रहा है, जबकि विपक्ष इस फैसले को अपनी नीतियों का परिणाम बताकर सरकार को घेर रहा है।
तेजस्वी यादव ने सरकार पर साधा निशाना
पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह पेंशन वृद्धि हमारी नीति, हमारे दबाव और हमारे विजन का परिणाम है। जब हम सरकार में थे, तब हमने ही पेंशन बढ़ाने की योजना बनाई थी। आज सरकार उसी योजना की नकल कर रही है, लेकिन इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।”
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि उन्होंने 16 दिसंबर 2024 को सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वृद्धजनों को 1,500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जाएगा। तेजस्वी ने आरोप लगाया, “आज सरकार 1,100 रुपये देने की बात कर रही है, लेकिन बजट सत्र में इस दिशा में कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया था।”
सरकार पर बजटीय प्रावधान न करने का आरोप
तेजस्वी यादव ने सरकार पर पेंशन वृद्धि के लिए बजटीय प्रावधान न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मार्च 2025 में बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने वृद्धा पेंशन के साथ-साथ महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा देने की मांग उठाई थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
‘मां-बहन मान योजना’ पर साधा तंज
तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार जल्द ही ‘मां-बहन मान योजना’ जैसी किसी योजना की घोषणा कर सकती है, जो पूरी तरह उनके गठबंधन के विचार और प्राथमिकता से प्रेरित होगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार के पास अपनी कोई नीति नहीं है, इसलिए वह हमारी योजनाओं की नकल कर रही है।
बिहार के विकास पर सरकार को घेरा
तेजस्वी ने सरकार पर बिहार के विकास को लेकर दिशाहीन होने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा, “हमारी सरकार में लाखों युवाओं को नौकरी दी गई थी, अब वही बातें मौजूदा सरकार दोहराती है। लेकिन इनके पास कोई नया विजन नहीं है।” उन्होंने विश्वास जताया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता इस दिखावटी राजनीति का करारा जवाब देगी।