पटना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा देश के पहले कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर संसद के शीतकालीन सत्र में दिए बयान के विरोध में बिहार कांग्रेस की तरफ से प्रदेश की राजधानी पटना में जोरदार प्रदर्शन किया गया। पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन को अपमान मार्च नाम दिया। इस प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने किया।
सबसे पहले अखिलेश सिंह की अगुवाई में शहर के यारपुर में स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा का माल्यार्पण किया। इसके बाद विधानसभा स्थित सतमूर्ति तक प्रदर्शन करने का ऐलान किया। हालांकि पुलिस ने मार्च को सतमूर्ति तक जाने से पहले रास्ते में ही रोक लिया। जिसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता यारपुर के पास बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा, "दमनकारी सरकार, विरोध करने वालों का दमन ही करती है। हम लोग शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहे थे। हम गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है। कांग्रेस पार्टी उनके इस्तीफे की मांग करती है। उन्हें देश की जनता से तुरंत माफी मांगनी चाहिए। हम शांतिपूर्वक धरना, प्रदर्शन, सत्याग्रह करेंगे। कांग्रेस पार्टी हमेशा से यही करती आई है। हम लोग बापू के दिखाए रास्ते पर चलने वाले लोग हैं। हम गोडसे के रास्ते पर नहीं चलते हैं। जब तक यह लोग हमें जाने का रास्ता नहीं देंगे, हम यहीं बैठे रहेंगे। कांग्रेस पार्टी बाबा साहेब का अपमान करने वाले लोगों का विरोध करती रहेगी।"
बता दें कि 17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के शीतकालीन सत्र में कहा था कि आजकल डॉ. अंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है। अगर लोग भगवान का नाम उतनी श्रद्धा से लेते, तो उन्हें स्वर्ग मिल जाता। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि डॉ. अंबेडकर ने नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दिया था। इसके साथ ही, शाह ने अंबेडकर के विचारों पर कांग्रेस पार्टी को घेरते हुए निशाना साधा था।
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