पलक्कड़/केरल: कोल्लेंगोड पुलिस ने आदिवासी संरक्षण संगठन के राज्य अध्यक्ष मरियप्पन के. की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। शिकायत में कहा गया है कि उनके रिश्तेदार और 75 वर्षीय आदिवासी बुजुर्ग थिरुनावुक्करासु गुरुवार रात लगभग 11 बजे से लापता हैं।
थिरुनावुक्करासु वही व्यक्ति हैं जिन्होंने सबसे पहले 54 वर्षीय चम्बुक्कुझी वेल्लायन की दुर्दशा का खुलासा किया था। वेल्लायन, जो एरवल्लन जनजाति से आते हैं और मुत्थलमाडा के मूचाकुंडु में रहते हैं, को कथित तौर पर वेस्टर्न गेटवेज़ नामक एक फार्म-स्टे में पांच दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। यह फार्म-स्टे ऊर्क्कुलम जंगल के पास स्थित है। आरोप है कि मालिक और कर्मचारी वेल्लायन को कमरे में बंद करके भूखा रखते और मारपीट करते थे।
थिरुनावुक्करासु ने यह जानकारी तुरंत स्थानीय आदिवासी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को दी थी। इसके बाद कोल्लेंगोड पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से वेल्लायन को वहां से छुड़ाया गया।
लेकिन, मरियप्पन के अनुसार, “जैसे ही वेल्लायन की घटना का खुलासा हुआ, थिरुनावुक्करासु अचानक गायब हो गए। जब हम वेल्लायन को बचा रहे थे, उस वक्त भी वह कहीं दिखाई नहीं दिए।”
फार्म-स्टे मालिक पर आरोप
शिकायत में कहा गया है कि फार्म-स्टे के मालिक प्रभु का हाथ थिरुनावुक्करासु की गुमशुदगी में हो सकता है, क्योंकि वह फार्म-स्टे में चल रही अवैध गतिविधियों के बारे में काफी कुछ जानते थे।
कोल्लेंगोड पुलिस ने बताया, “हमें शिकायत शुक्रवार देर रात मिली और हमने केरल पुलिस एक्ट 2011 की धारा 57 (लापता व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।”
फिलहाल प्रभु और उसके कुछ कर्मचारी फरार हैं। पुलिस ने प्रभु के खिलाफ हत्या के प्रयास और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, वेल्लायन मामले में प्रभु की मां रंगनायकी को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
कैसे हुई घटना
मुत्थलमाडा ग्राम पंचायत की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान सदस्य कल्पना देवी ने बताया कि 17 अगस्त (रविवार) को वेल्लायन मजदूरी के लिए फार्म-स्टे पर गया था। वहां उसने परिसर में रखी शराब पी ली। इसी बात से नाराज होकर प्रभु और उसके कर्मचारियों ने उसे कमरे में बंद कर दिया।
वेल्लायन ने बताया कि उसे दिन में केवल एक बार खाना दिया जाता था, लेकिन अक्सर पीटा और लात मारी जाती थी। करीब पांच दिन तक वह फार्म-स्टे में कैद रहा।
उसे शुक्रवार तड़के पलक्कड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसी दिन शाम को डिस्चार्ज कर दिया गया।
सरकार और आयोग की सख्ती
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ.आर. केलु ने इस घटना पर आदिवासी विकास विभाग के निदेशक से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। वहीं, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने भी पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से अलग से रिपोर्ट तलब की है।