भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार मामला महिलाओं की कथित जबरन तस्करी से जुड़ा है। 28 जुलाई की रात एक एम्बुलेंस में 13 महिलाओं को जबरन ले जाने की कोशिश को लेकर पुलिस ने कार्रवाई की थी। अब इस घटना को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत ने बड़ा दावा करते हुए सोशल मीडिया पर आरोप लगाया है कि बागेश्वर धाम से जुड़े लोग महिलाओं की तस्करी में शामिल हैं।
28 जुलाई की रात करीब 9 बजे छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र में डायल 100 की टीम को सूचना मिली कि एक एम्बुलेंस में 13 महिलाओं को संदिग्ध हालात में कहीं ले जाया जा रहा है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एम्बुलेंस को पठा चौकी क्षेत्र में रोका और महिलाओं को थाने लाया गया। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि बागेश्वर धाम की एक सेवादार महिला मिनी ने उन्हें जबरन एम्बुलेंस में बैठाया और उनके बाल पकड़कर घसीटा। उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई और यह नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है। सभी महिलाएं बागेश्वर धाम में दर्शन और पेशी के लिए आई थीं।
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति एम्बुलेंस ड्राइवर से पूछताछ कर रहा है, जिसमें ड्राइवर यह कहता नजर आ रहा है कि पन्ना जिले के सेवादार ‘कल्लू दादा’ ने उसे महिलाओं को महोबा रेलवे स्टेशन छोड़ने को कहा था।
प्रोफेसर रविकांत का गंभीर आरोप
इस घटना को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर दो पोस्ट किए। पहली पोस्ट में उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाए जाने की घोषणा को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की, जबकि दूसरी पोस्ट में उन्होंने सीधे-सीधे बागेश्वर धाम के मुखिया धीरेंद्र शास्त्री पर महिलाओं की तस्करी करने का आरोप लगाया।
डॉ. रविकांत ने एक स्थानीय समाचार पत्र से बातचीत में कहा, “मैं जो पोस्ट में लिख चुका हूं, उस पर कायम हूं। वीडियो में सब कुछ साफ है। वीडियो की सत्यता की जांच के बाद ही मैंने फांसी की मांग की है।”
उनकी इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। समर्थक और विरोधी दोनों ही पक्ष सक्रिय हो गए हैं।
पुलिस जांच जारी
पुलिस ने इस मामले में फिलहाल एम्बुलेंस चालक और कुछ सेवादारों से पूछताछ की है। महिलाओं के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और मामले की विस्तृत जांच जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह भी देखा जा रहा है कि कहीं यह मानव तस्करी का मामला तो नहीं है।
बागेश्वर धाम पिछले कुछ वर्षों से धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में है, लेकिन यह पहला मौका है जब उस पर महिलाओं के साथ जबरदस्ती और तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। धाम प्रबंधन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
घटना बीते 28 जुलाई रात करीब 9 बजे की है। लवकुशनगर थाना क्षेत्र में डायल 100 को सूचना मिली थी कि एक एम्बुलेंस में संदिग्ध तरीके से 13 महिलाओं को ले जाया जा रहा है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पठा चौकी क्षेत्र में एम्बुलेंस को रोका और महिलाओं को थाने लाकर पूछताछ शुरू की। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया था।
वीडियो में महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप
वीडियो में एम्बुलेंस ड्राइवर यह स्वीकार करता दिखाई दे रहा है कि पन्ना निवासी एक सेवादार कल्लू दादा ने उसे महोबा रेलवे स्टेशन तक महिलाओं को छोड़ने को कहा था। वहीं, एम्बुलेंस में बैठी महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें जबरन बाल पकड़कर एम्बुलेंस में बिठाया गया। महिलाओं के मुताबिक, बागेश्वर धाम की सेवादार मिनी ने उन्हें धमकाया कि अगर वे नहीं जाएंगी तो "काटकर फेंक देंगे"।
एक युवती ने रोते हुए बताया कि वह बागेश्वर धाम में रह रही थी क्योंकि उसके परिवार वाले उसे परेशान करते थे। अब उसे यह भी नहीं पता कि उसे कहां ले जाया जा रहा है।
महिलाओं पर चोरी और चेन स्नैचिंग के आरोप
लवकुशनगर थाना प्रभारी (टीआई) अजय अंबे ने बताया था कि पूछताछ में सामने आया कि ये महिलाएं पिछले छह महीनों से बागेश्वर धाम में रुकी हुई थीं। उन पर धाम परिसर में चोरी, चेन स्नैचिंग और अन्य अप्रिय गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे। हालांकि, प्रारंभिक पूछताछ के बाद सभी महिलाओं को छोड़ दिया गया है।
बागेश्वर धाम के सेवादार और रिटायर्ड शिक्षक कुंज बिहारी ने बताया था, की धाम में लगातार चोरियों की घटनाएं सामने आ रही थीं। ऐसे में करीब 70-80 लोगों पर नजर रखी जा रही थी। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले एक मीटिंग में इन महिलाओं को समझाया गया था कि "गुरुजी विदेश में हैं, आप लोग अपने घर लौट जाएं।" बावजूद इसके जब वे नहीं गईं, तो उन्हें एम्बुलेंस सहित अन्य वाहनों से रेलवे स्टेशन भेजा जा रहा था।
एम्बुलेंस बागेश्वर धाम समिति की थी
लवकुशनगर एसडीओपी नवीन दुबे ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एम्बुलेंस बागेश्वर धाम समिति की है, जिससे सेवादार महिलाओं और पुरुषों को महोबा रेलवे स्टेशन छोड़ने जा रहे थे। रात करीब 9 बजे डायल 100 को सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।