उदयपुर- राजकीय वित्त पोषित विश्वविद्यालय के पेंशनर्स की समन्वय कमिटी की बैठक में लिए गए सर्वसम्मत निर्णयानुसार सभी राजकीय वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स की पेन्शन के स्थायी समाधान और शासकीय खजाने से पेन्शन भुगतान के लिए जे.एन.वी. यूनिवर्सिटी जोधपुर के पेंशनर्स द्वारा पिछले 85 दिन से अनवरत चल रहे आंदोलन के समर्थन में MPUAT और MLSU उदयपुर, कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर ब्रांच उदयपुर के समस्त कार्यरत एवं पेंशनर्स साथियों ने दिनांक7 अगस्त को संयुक्त रूप से रैली निकालते हुए जिलाधीश कार्यालय उदयपुर पर धरना प्रदर्शन किया और राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा ।
मप्रकृप्रौविवि पेन्शनर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. एस.के. भटनागर, ने बताया कि जीवन कि संध्या में भी पेंशेनेर्स को जीवनयापन और पारिवारिक खर्चो के लिए मिलने वाली पेंशन के लिए आन्दोलन करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालयों के समस्त कार्यरत शैक्षनेत्तर कर्मचारियों से आधे दिन का आकस्मिक अवकाश ले कर आन्दोलन में सहयोग देकर रैली में भाग लेने की अपील की गयी थी।
इस अपील के मद्दे नजर तीनों विश्वविद्यालयों के कर्मचारी एवं पेंशनर साथियों ने बड़ी संख्या में पैदल और दो पहिया वाहनों पर मार्च करते हुए राजस्थान कृषि महा विद्यालय के मुख्य द्वार से एयर पोर्ट रोड, सूरजपोल, बापू बाजार, दिल्ली गेट होते हुए कलेक्ट्री जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए शांतिपूर्वक मार्च किया और अन्त में जिलाधीश कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया

इससे पूर्व वक्ताओं द्वारा सभा को सम्बोधित किया गया. कर्ण सिंह शक्तावत, पूर्व अध्यक्ष कर्मचारी संघ और गोविन्द जोशी, अध्यक्ष मोसुविवि सहायक कर्मचारी संघ उदयपुर ने उपस्थित कर्मचारियों को एकता और संघटन की शक्ति में विश्वास रखने और पुरजोर शब्दों में सरकार से पेंशेनर्स कि मांगों पर ध्यान देने कि बात कही । उन्होंने सरकार से विनम्र निवेदन किया कि प्रोविडेन्ट फण्ड अंशदान, U.C.P.F. को राजकीय कोष में जमा कर कॉलेज शिक्षा निदेशालय, नगर विकास प्रन्यास आदि संस्थाओं की भांति राज्य के वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के पेन्शनर्स को भी पेन्शन का भुगतान राजकीय कोष से करने का आदेश जारी करावें।
उल्लेखनीय है कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर गम्भीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विश्वविद्यालय में समय पर पेन्शन का भुगतान नहीं होने से वरिष्ठ नागरिक अपने जीवन के संध्या काल में संघर्ष करने को मजबूर है। विश्वविद्यालय के पेन्शनर्स को गत आठ माह से पेन्शन का भुगतान नहीं हुआ है। कृषि भूमि, राज्य सरकार के आदेशानुसार, बेचने के बावजूद भी स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के पेन्शनर्स को 22 माह की पेन्शन नहीं मिली है। राज्य सरकार के सभी कृषि विश्वविद्यालयों को महंगाई भत्ते (12%, 42%, 46% and 40%) का पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है। सातवें वेतनमान के अनुसार फिक्सेसन नहीं हुए / एरियर राशि का भुगतान भी नहीं हुआ है। इसी प्रकार कोटा तकनिकी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को दो वर्ष पूर्व सी.पी.एफ. की राशि जामा करा देने एवं राज्य सरकार की अनुमिति मिलने के पश्चात, अब तक पेन्शनर्स को पेन्शन का भुगतान नहीं हो रहा है।
प्रवीणसिंह सारंगदेवोत, अध्यक्ष मोसुविवि शैक्षणेत्तर कर्म. संघ उदयपुर ने बताया कि मोहनलाल सुखड़िया विश्वविद्यालय द्वारा राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के पश्चात भी विश्वविद्यालय को इस भूमि के बेचान के कार्य की अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।