प्रथम चरण में 23 जिलों में 500 हेल्थ एंड वेलनेस एवं 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आदर्श केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
भोपाल। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के 10 हजार स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल अस्पताल बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल यह अस्पताल सर्वसुविधायुक्त होंगे, इनमें पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर और समय पर इलाज मिलेगा। दवाइयों की भी कमी नहीं आएगी। मध्यप्रदेश शासन यह काम टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर करने जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की मौजूदगी में शहर की एक होटल में केंद्रों को मॉडल बनाने से जुड़े एक कार्यक्रम में सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। ये केंद्र 23 जिले के होंगे, जिनमें शहरी, ग्रामीण प्राथमिक केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल होंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कलेक्टिव्स फार इंटिग्रेटेड लाइवलीहुड इनिशिएटिव्स (सिनी) के तकनीकी सहयोग से इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान भारत द्वारा निर्धारित 12 आवश्यक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी क्वालिटी सर्टिफिकेशन, आईटी संसाधनों के समुचित उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एचडब्लूसी पर उपलब्ध सभी 12 काम्प्रीहेसिव प्राइमरी हेल्थ केयर (सीपीएचसी) सेवाओं के लिए स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) को तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कलेक्टिव्स फार इंटिग्रेटेड लाइवलीहुड इनिशिएटिव्स (सिनी) के तकनीकी सहयोग से इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान भारत द्वारा निर्धारित 12 आवश्यक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी क्वालिटी सर्टिफिकेशन, आईटी संसाधनों के समुचित उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एचडब्लूसी पर उपलब्ध सभी 12 काम्प्रीहेसिव प्राइमरी हेल्थ केयर (सीपीएचसी) सेवाओं के लिए स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) को तैयार किया गया है।
चयनित सेंटर्स पर सिनी के सलाहकारों द्वारा दिए जा रहे सहयोगी मार्गदर्शन से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। यूपीएचसी में हेल्थ रिकार्ड डिजिटलीकरण का कार्य शुभारंभ हो गया है। विगत दिनों 17 केंद्रों को माडल के रूप में विकसित किया गया है और 33 स्वास्थ्य केंद्र गुणवत्ता मानकों के आधार पर सेवाएं प्रदान करने के लिए सक्षम किए गए हैं। सरकारी मेडिकल कालेजों के सहयोग से नॉलेज मैनेजमेंट नेटवर्क स्थापित किया गया है। इसके अंतर्गत विशेषज्ञों के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की कैपेसिटी बिल्डिंग की जा रही है। अपेक्षित है कि इस कार्यक्रम के द्वारा दस हजार स्वास्थ्य कर्मियों की कार्य क्षमता में वृद्धि होगी और उत्कृष्ट प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं से लगभग 25 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
इस विषय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार, उत्कृष्ट प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है। इस वर्ष लगभग 10 हजार स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र के रूप में उन्नयन और क्रियान्वयन करने का लक्ष्य है। टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था सिनी द्वारा राज्य के 23 जिलों में 500 हेल्थ एंड वेलनेस एवं 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आदर्श केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।