MPPSC के 13% पद होल्ड मामले में राज्य सरकार पर हाई कोर्ट ने लगाई 50 हजार की कास्ट, जानिए पूरा मामला?

01:53 PM Jul 17, 2024 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए हाई कोर्ट ने रिजल्ट होल्ड मामले में 50 हजार रुपये की कास्ट लगाई है। लोकसेवा आयोग (MPPSC) के 13 प्रतिशत छात्रों का रिजल्ट होल्ड करने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर यह जुर्माने की कार्रवाई की है। इसके साथ कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि 'जिस भी संबंधित अधिकारी ने लापरवाही बरती है, कास्ट की राशि उसी से वसूल की जाए।'

जस्टिस राजमोहन सिंह और जस्टिस देवनारायण मिश्र की युगल पीठ ने मंगलवार को मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने दो सप्ताह में 13 प्रतिशत कैंडिडेट्स की लिस्ट के साथ पेश होने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।

दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने OBC आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी तक कर दिया था। मामला हाईकोर्ट में गया, तो 14 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा दी गई। शासन ने इसका तोड़ निकाला कि उन्होंने 87-13 फीसदी फॉर्मूला लागू कर दिया था।

ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी के हिसाब से 87 फीसदी रिजल्ट जारी किया गया। 13 फीसदी ओबीसी और आरक्षित दोनों के लिए अलग रख दिया। राज्य सरकार ने कहा कि जब ओबीसी आरक्षण पर अंतिम फैसला होगा, तब रिजल्ट जारी किया जाएगा। साल 2019 के बाद 2020, 2021 के भी अंतिम रिजल्ट जारी हो गए। सभी 13 फीसदी पद रुके हैं। यही नहीं, जो भी उम्मीदवार 13 फीसदी में है, उन्हें पता नहीं कि उनके कितने अंक हैं।

इस मामले में 2019 में पीएससी की कुछ महिला उम्मीदवारों ने याचिका लगाई थी कि अभी तक उन्हें 13 फीसदी रिजल्ट नहीं बताया गया है। इस पर 4 अप्रैल को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार और पीएससी को आदेश दिए थे कि हर हाल में रोके गए रिजल्ट की सूची सार्वजनिक की जाए, लेकिन राज्य सरकार और एमपीपीएससी ने इसका पालन नहीं किया।

याचिकाकर्ता के वकील अंशुमान सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने शासन से सवाल करते हुए 13 फीसदी रोके गए रिजल्ट की जानकारी मांगी, तो इसका जवाब उनके पास नहीं था। इस पर कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने कहा, 'क्यों नहीं इस मामले पर भारी कास्ट लगाई जाए।' कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए कहा है कि आगामी 31 जुलाई तक हर हाल में राज्य सरकार को जवाब देना होगा।

2018 में 14 से 27% हुआ था ओबीसी आरक्षण

मध्य प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 2018 में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण प्रस्ताव कैबिनेट में पारित कर लागू किया था। इसके पहले ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत था। आरक्षण के प्रतिशत में हुई बढोत्तरी के कारण 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण खिलाफ और पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण पर स्टे दे दिया। फिलहाल मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत है।