एक्टिविस्ट अमिताभ -नूतन ठाकुर पर थाना तालकटोरा में FIR: दंपत्ती बोले- राजनीति से प्रेरित झूठे...

03:28 PM Sep 14, 2025 | Geetha Sunil Pillai

लखनऊ- आज़ाद अधिकार सेना के संस्थापक और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर के विरुद्ध लखनऊ के तालकटोरा पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज हुई है। दम्पत्ति ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि हम तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर स्वयं को इस मामले में पूरी तरह निर्दोष साबित करेंगे।

एफआईआर को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी ने विवेचक को लिखे एक पत्र में कहा है कि उन्हें विभिन्न स्रोतों से एफआईआर की प्रति मिल गई है और वह पूरी तरह से सहयोग करेंगे। उन्होंने दावा किया कि तथ्यों और सबूतों के आधार वे अपनी बेगुनाही साबित कर देंगे। दम्पत्ति के विरुद्ध दर्ज FIR No 189/2025 में धाराएं 419, 420, 467, 468, 471, 34, 120B IPC शामिल हैं।

हालांकि उन्होंने कहा कि एफआईआर से जुड़े 62 पृष्ठों के 18 अनुलग्नक/दस्तावेज उन्हें अभी तक नहीं दिए गए हैं। उन्होंने विवेचना से पहले इन दस्तावेजों की प्रति मांगी है, ताकि वे आरोपों का स्पष्टता से जवाब दे सकें।

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आज़ाद अधिकार सेना के समर्थक इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित मामला मानते हैं। लोगों का मानना है कि ठाकुर पर यह कार्रवाई उनके द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी और प्रशासन के खिलाफ उठाए गए सवालों के जवाब में की गई है।

अमिताभ ठाकुर और उनके संगठन आजाद अधिकार सेना लगातार यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उनकी कुछ कार्रवाइयां सुर्खियों में रही हैं:

हाल ही में MP MLA मजिस्ट्रेट लखनऊ ने ठाकुर द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव आयोग के सामने विभिन्न चुनावों में असत्य शपथपत्र दिए जाने के संबंध में प्रस्तुत प्रार्थनापत्र पर विधिक आधार पर FIR दर्ज करने के आदेश देने से मना किया है।

14 अगस्त 2025 को 'आज तक' के 'ब्लैक एंड व्हाइट' कार्यक्रम की एंकर अंजना ओम कश्यप के खिलाफ अमिताभ ठाकुर की शिकायत पर जेएम-3 कोर्ट लखनऊ ने परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया था।  

CAG रिपोर्ट के आधार पर खनन विभाग में 784 करोड़ रुपये की अनियमितता की शिकायत लोकायुक्त से की।  पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्टेल के माध्यम से भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भी लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोकायुक्त अधिनियम के दायरे में लाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में याचिका दायर की।