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MP: तेज बारिश और आंधी से बुरहानपुर में तबाही, सैकड़ों किसानों की केले की फसल बर्बाद, प्रशासन ने शुरू किया सर्वे

भोपाल। मंगलवार की शाम मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के किसानों के लिए काल बनकर आई। अचानक मौसम ने करवट ली और करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश ने जिले के कई गांवों में कहर बरपा दिया। इस प्राकृतिक आपदा में सबसे अधिक नुकसान केले की फसल को हुआ है। जिले के निंबोला, शाहपुर, फोपनार, डाभियाखेड़ा, रहीपुरा और रायगांव जैसे आधा दर्जन से अधिक गांवों में सैकड़ों किसानों की मेहनत एक ही झटके में धराशायी हो गई।

मंगलवार शाम करीब 4 बजे मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में काले बादल छा गए और कुछ ही देर में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। हवाएं इतनी तेज थीं कि कई जगह पेड़ उखड़ गए और केले के घड़ों से लदे पौधे जड़ से उखड़कर जमीन पर बिछ गए। शाम होते-होते बारिश और हवा ने जिले के नेपानगर, डाभियाखेड़ा और आसपास के क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया।

किसानों को रातभर बेचैनी रही क्योंकि अंधेरे में वे अपने खेतों की स्थिति देखने नहीं जा सके। बुधवार सुबह ही वे खेतों में पहुंचे, तो तबाही का मंजर देख कर हतप्रभ रह गए।

फसल के साथ-साथ घर और सार्वजनिक स्थानों को भी नुकसान

निंबोला गांव के वार्ड नंबर 2 में रमेश सीताराम लोखंडे के मकान के बरामदे पर एक ईमली का विशाल पेड़ गिर गया। इससे टीन शेड, लोहे के एंगल, एक साइकिल और बिजली की तारें टूटकर क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं, शाहपुर बस स्टैंड परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का टीन शेड तेज हवा में उड़ गया।लेकिन प्रतिमा को कोई नुकसान नहीं हुआ।

कई इलाकों में पेड़ टूटकर सड़क पर गिर गए, जिससे यातायात भी कुछ समय के लिए प्रभावित हुआ। पहाड़ी और नदी क्षेत्रों में बारिश का पानी तेजी से बह निकला, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई।

रहीपुरा, डाभियाखेड़ा और रायगांव में सबसे ज्यादा नुकसान

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रहीपुरा गांव के किसान नंदकिशोर महाजन के खेत में करीब 1000 केले के पौधे तेज हवा और बारिश के कारण जमींदोज हो गए। इसी गांव के भास्कर सोनार के खेत में 100 से अधिक केले के पौधे गिर पड़े। डाभियाखेड़ा, रायगांव और फोपनार में भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं। खेतों में केले के घड़ों से लदे पौधे जमीन पर बिछे हुए हैं। किसानों का कहना है कि इस साल की पूरी उम्मीद इसी फसल से थी, जो अब लगभग समाप्त हो चुकी है।

किसानों की व्यथा

डाभियाखेड़ा के किसान दिनेश कहते हैं, "तीन महीने से दिन-रात मेहनत करके केले की फसल तैयार की थी। अब जो हालत है, उससे लग रहा है कि कर्ज भी चुकाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार से उम्मीद है कि वह हमें मुआवजा दे ताकि हम अगली फसल बो सकें।"

सांसद ने कलेक्टर से की बात, सर्वे दल गठित

केले की फसल के नुकसान की खबरें सामने आने के बाद खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कलेक्टर हर्षसिंह से फोन पर बात की और प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत सर्वे कराकर नुकसान का आकलन करने की मांग की।

सांसद ने कहा, "किसानों के साथ सरकार पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्हें हरसंभव सहायता दी जाएगी। सर्वे के आधार पर शीघ्र मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।"

कलेक्टर ने तुरंत राजस्व विभाग की टीम को सर्वे के लिए रवाना करने के निर्देश दिए। बुधवार सुबह से ही संबंधित पटवारी, तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी खेतों का निरीक्षण कर नुकसान का रिकॉर्ड तैयार कर रहे हैं।

कलेक्टर हर्षसिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसानों को राहत देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "राजस्व और कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों में जाकर वास्तविक नुकसान का आंकलन करें और जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राज्य सरकार की ओर से प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।"

पीएम फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा मिलने की संभावना

किसानों को अगर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत बीमा मिला हुआ है, तो उन्हें बीमा राशि मिलने की पूरी संभावना है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पात्र किसानों को यह राहत दी जा सकती है।

फसल बीमा और सहायता से संबंधित नियम

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा के कारण यदि फसल को नुकसान होता है, तो किसानों को बीमा राशि दी जाती है। जिसमें राजस्व रिकॉर्ड और पटवारी द्वारा तैयार सर्वे रिपोर्ट इस योजना के तहत मुआवजे का आधार बनती है। इसमें राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के अंतर्गत भी तत्काल राहत दी जा सकती है।

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