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MP में ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सिस्टम के कारण भारी बारिश का दौर, कई जिलों में जनजीवन प्रभावित, बाढ़ जैसे बने हालात

भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और ट्रफ लाइन के प्रदेश से गुजरने के कारण एक मजबूत बारिश का सिस्टम एक्टिव हो गया है। मंगलवार को भोपाल, रतलाम और उज्जैन सहित कई जिलों में रुक-रुककर बारिश होती रही। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई संभागों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के ऊपर एक ट्रफ लाइन गुजर रही है और साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है, जिससे यह प्रणाली बनी हुई है।

शिवपुरी और श्योपुर में बाढ़ जैसे हालात

बारिश के कारण शिवपुरी जिले में प्राकृतिक झरनों का बहाव तेज हो गया है। लगभग 100 फीट ऊंचे पवा जलप्रपात और भदैया कुंड पूरी रफ्तार से बह रहे हैं। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी जलस्रोतों पर आमजन के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

वहीं, श्योपुर जिले की सीप नदी उफान पर है। मानपुर और ढोढर के बीच की पुलिया पर पानी आने से पुलिस ने यातायात पूरी तरह से बंद करा दिया है। इसके चलते काशीपुर, बालापुरा, हीरापुर, अल्लापुर समेत कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

20 जिलों में बारिश, शिवपुरी में सबसे अधिक

सोमवार को प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई। शिवपुरी में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिरा, जबकि उज्जैन में 9 घंटे में 2.1 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई। सतना में 1 इंच, छतरपुर के नौगांव और बालाघाट के मलाजखंड में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, राजगढ़, सीहोर, रतलाम, गुना, शाजापुर, आगर-मालवा जैसे जिलों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा।

जलभराव से बनी आपात स्थिति

शिवपुरी जिले के कोलारस के लुकवासा में ज्ञान स्थली स्कूल के आवासीय परिसर में जलभराव के कारण एसडीईआरएफ की टीम को बुलाना पड़ा। टीम ने दो बच्चों समेत 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, गुना जिले में रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने से एक सिलेंडर लोड ट्रक डूब गया।

श्योपुर जिले में पार्वती नदी भी उफान पर रही, जिससे श्योपुर-बारां हाईवे को कुहंजापुर पुलिया पर पानी आने के कारण बंद कर दिया गया।

शिवपुरी में एक घर पर आकाशीय बिजली गिरने से खिड़कियों में दरारें आ गईं। अशोकनगर जिले के मुंगावली में लगातार दो दिन से हो रही बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया। गुना जिले में भी यही स्थिति बनी रही।

मानसून की एंट्री

इस वर्ष मानसून देश में 8 दिन पहले ही पहुंच गया था, लेकिन मध्यप्रदेश में यह थोड़ी देरी से प्रवेश कर पाया। 13-14 जून को मानसून प्रदेश की सीमा में दाखिल हुआ, और तीन दिनों में ही 53 जिलों को कवर कर लिया। शुक्रवार को बचे हुए दो जिले — भिंड और मऊगंज — में भी मानसून पहुंच गया, जिससे अब पूरे प्रदेश में मानसून एक्टिव हो चुका है।

अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। निचले इलाकों में जलभराव और नदियों के किनारे बसे गांवों में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन ने संबंधित इलाकों में निगरानी और राहत दलों को तैनात कर दिया है। द मूकनायक से बातचीत में भोपाल मौसम केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के ऊपर एक ट्रफ लाइन गुजर रही है और साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है, जिससे यह प्रणाली बनी हुई है।

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