+

गुजरात के इस गांव में सवर्णों ने दलित बस्ती में छोड़ा गंदा पानी, प्रशासन मूकदर्शक!

अमरेली- जिले के जशवंतगढ़ गाँव में सवर्णों ने अपने गंदे नालों का पानी दलित बस्ती की तरफ मोड़ दिया है, जिससे दलितों का जीवन दूभर हो गया है। इस मामले में दलित समाज ने मुख्यमंत्री, कलेक्टर, डीडीओ और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को लिखित शिकायत दी है।

अमरेली तालुका के जशवंतगढ़ गाँव में डॉ. आंबेडकर कॉलोनी में अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं। इस रिहाइशी इलाके की खुली नाली में गाँव के सवर्णों ने अपने भूमिगत नालों का गंदा पानी छोड़ना शुरू कर दिया है, जिससे दलितों को भारी परेशानी हो रही है। दलित परिवारों के संवैधानिक अधिकारों का हनन रोकने के लिए वीरमगाम के सामाजिक कार्यकर्ता किरीट राठौड़ ने मुख्यमंत्री, अमरेली जिला कलेक्टर, जिला विकास अधिकारी और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के निदेशक को शिकायत भेजी है।

किरीट राठौड़ ने हाल ही में जशवंतगढ़ का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने डॉ. आंबेडकर कॉलोनी में रहने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों से मुलाकात की। स्थानीय दलित नेताओं ने बताया कि डॉ. आंबेडकर कॉलोनी के पास बारिश के पानी की निकासी के लिए एक बड़ी खुली नाली बनी हुई है। यह नाली सिर्फ बारिश के पानी के लिए है, लेकिन गाँव के सवर्णों ने अपने भूमिगत नालों को इससे जोड़ दिया है। इस वजह से सवर्णों के घरों का गंदा पानी दलित बस्ती में भरने लगा है।

जशवंतगढ़ के दलित समाज के लोगों के मुताबिक, गाँव के सवर्ण अपने शौचालयों का गंदा पानी भूमिगत नालों के जरिए डॉ. आंबेडकर कॉलोनी की खुली नाली में छोड़ रहे हैं। सवर्णों के भूमिगत नालों को दलित बस्ती के पास से गुजरने वाली बारिश की नाली से जोड़ दिया गया है, जिससे अब सवर्णों के घरों की गंदगी दलितों के घरों के आसपास जमा हो रही है और उनका रहना मुश्किल हो गया है।

खुली नाली में सवर्णों के घरों का बदबूदार गंदा पानी भरा रहता है, जिससे आसपास झाड़ियाँ और कीड़े-मकोड़े पनप रहे हैं। इस नाली की सफाई की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है, लेकिन नियमित सफाई नहीं होने के कारण आसपास रहने वाले दलित परिवारों का जीवन दुखदाई हो गया है। इस गंदी नाली के पास ही एक आंगनवाड़ी है, जहाँ आने वाले छोटे बच्चों का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ गया है।

खुली नाली में गंदे पानी के कारण दलितों के घरों में मच्छरों और जहरीले जीव-जंतुओं का प्रकोप बढ़ गया है। इस वजह से अनुसूचित जाति के परिवारों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है और उनका स्वच्छ व गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार छिन गया है। दिलचस्प बात यह है कि ग्राम पंचायत को कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसलिए थक-हारकर दलितों ने तालुका पंचायत, जिला पंचायत और राज्य सरकार के सामने लिखित शिकायत दी है। लेकिन गाँव के सवर्णों का अत्याचार कम नहीं हुआ है और वे बड़े पाइप डालकर अपने घरों का गंदा पानी खुली नाली में बहा रहे हैं।

ये हैं दलित समुदाय की मांग

  • मानसून के मौसम में खुली नाली में उग आई झाड़ियों को हटाया जाए।

  • लंबे समय से न साफ होने के कारण नाली में जमा कीचड़ और कचरा JCB मशीन से साफ किया जाए।

  • नाली की सफाई के बाद जिला पंचायत स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉ. आंबेडकर कॉलोनी में रोजाना फॉगिंग कर मच्छरों को नियंत्रित किया जाए।

  • इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए खुली नाली में बड़े पाइप बिछाकर उसे कंक्रीट से ढक दिया जाए। इसके लिए अमरेली कलेक्टर और डीडीओ विशेष ग्रांट से धनराशि आवंटित करें।

Trending :
facebook twitter